पंजाब सीएम की खिलाफत का मामला
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
20 से अधिक कांग्रेसी विधायक और पूर्व विधायकों में से 7 विधायक जिनके मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग करने वाले पक्ष का हिस्सा होने का दावा किया गया था, ने ऐसी किसी भी कार्यवाही से अपने आप को स्पष्ट और पूरे तौर पर अलग कर लिया है।
इस प्रक्रिया में किसी भी तरह से हिस्सेदार होने से साफ इनकार करते हुए इसको पार्टी के अंदर दरार डालने की कोशिश में एक पक्ष द्वारा रची गई साजिश करार देते हुए इन 7 नेताओं ने मुख्यमंत्री के हक में स्टैंड लिया और उनके नेतृत्व में पूर्ण भरोसा प्रकट किया है। पंजाब कांग्रेस के जिन नेताओं ने पार्टी में स्वयं को बगावत से अपने आप को दूर किया है, उनमें कुलदीप वैद (विधायक), दलवीर सिंह गोल्डी (विधायक), संतोष सिंह भलाईपुर (विधायक), अजीतइंदर सिंह मोफर (पूर्व विधायक), अंगद सिंह (विधायक), राजा वड़िंग (विधायक) और गुरकीरत कोटली (विधायक) शामिल हैं। पंजाब कांग्रेस के एक पक्ष द्वारा पार्टी के विधायकों और पूर्व विधायकों की सूची सार्वजनिक करने के बाद इन नेताओं ने इसका हिस्सा होने से इनकार कर दिया था। इस सूची को सार्वजनिक तौर पर जारी करते हुए दावा किया गया था कि यह सभी नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह को बदलना चाहते हैं और इस मामले को आलाकमान के समक्ष उठाना चाहते हैं। हालांकि, इन 7 नेताओं ने ऐसे किसी फैसला का हिस्सा न होने की बात करते हुए ऐलान किया कि वह मुख्यमंत्री के साथ दृढ़ता के साथ खड़े हैं।