Ram Navami 30 मार्च को राम नवमी पूरा देश मना रहा है । इसी दिन अयोध्या में श्री राम चंद्र भगवान का जन्म हुआ था । प्रभु राम भगवान विष्णु के अवतार माने जाते है। जिनका जन्म असत्य और अधर्म का अंत करने के लिए हुआ था।
प्रभु राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी बोला जाता है। इसका कारण है आचरण और आदर्श को अपना कर जीवन में सही रास्ते पर चल सकता है। एक महान राजा के साथ श्री राम आदर्श बेटे, शिष्य, भाई, पति भी हैं। आपको बताते है प्रभु श्रीराम के गुणों के बारे में जिसे अपना कर आप सफल हो सकते है।
प्रभु राम दयालु थे
आपको बता दें कि प्रभु राम बहुत दयालु पुरूष थे। उनके साथ इंसान का भी उतना ही बनता था जितना जानवर का प्रभु राम ने बलि को हराकर सुग्रीव को राजा का पद दिलाया था। प्रभु राम ने सबरी के जूठे बेर भी खाए थे। इतने महान थे प्रभु राम। दयालुता से परिपूर्ण राम भगवान जगत के पिता है।
सहनशीलता और धैर्य थी उनकी महानता
अयोध्या के राजा प्रभु श्रीराम सहन और धैर्यवान थे। पिता की आज्ञा पाकर प्रभु राम ने 14 वर्ष का वनवास काट लिया। प्रभु राम के आदर्शो की महानता का बखान जितना की जाए उतना कम है। प्रभु राम ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए सहलशील और धैर्यवान थे।