Rampur By Poll
इंडिया न्यूज, रामपुर (Uttar Pradesh) । उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर की शहर विधानसभा 37 पर उप चुनाव हो रहे हैं जिसमें दो ही पार्टी के प्रत्याशी मैदान में नजर आ रहे हैं एक भाजपा के आकाश सक्सेना है तो दूसरे आजम खान के करीबी सपा के टिकट पर आसिम राजा हैं जैसे-जैसे वक्त की सुई आगे बढ़ रही है वैसे वैसे इस सीट पर सियासत भी अपना रंग बदल रही है। प्रदेश से लेकर देश भर में भले ही कांग्रेस और भाजपा की विचारधारा अलग हो, लेकिन इन सबके बावजूद नवाब घराने की मजबूत शख्सियतों में से एक एवं कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां की सोच उनकी पार्टी से बिल्कुल अलग है।
यही कारण है कि उन्होंने आजम खान और उनकी पार्टी के प्रत्याशी आसिम राजा के मुद्दे पर मजबूती भरा सियासी कदम उठाते हुए रामपुर से लेकर देश के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। नवाब काजिम अली खान ने खुलेआम उपचुनाव भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना का समर्थन कर डाला। दूसरी ओर नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां के समर्थन देने के ऐलान के बाद आकाश सक्सेना भी उत्साह से लबरेज नजर आ रहे हैं।
अभी तक आजम को मिलता रहा समर्थन
जनपद रामपुर मे तीन दशक पहले निचले स्तर से लेकर देश की राजनीति तक में नवाब घराने का दखल रहा करता था।पूर्व सांसद जुल्फिकार अली खान कांग्रेस के टिकट पर 5 बार यहां से चुनकर संसद तक पहुंचे और उनका समर्थन अपनी पार्टी के प्रत्याशी के बजाय आजम खान को मिलता रहता था। यही कारण था कि वह सांसद चुने जाते थे और आजम खान शहर विधायक चुनकर लखनऊ की विधानसभा में पहुंचे थे लेकिन 1992 में उनकी कार एक्सीडेंट में मौत हो गई। जिसके बाद आजम खान की अदावत का सिक्का यहां की सियासत में जबरदस्त तरीके से चलने लगा और वह नवाब घराने की सियासी दुश्मन तक बन गए।
दशकों पुरानी दुश्मनी अखिलेश यादव सरकार में उस समय विकराल रूप ले गई जब आजम खान सूब की सत्ता में सबसे मजबूत किरदार में थे तभी 2014 का लोकसभा चुनाव हुआ इस दौरान आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम और नवाब काजिम अली खान के बेटे हमजा मियां की आमने सामने से भिड़ंत हो गई। बात इतनी बढ़ गई की दोनों के बीच की अदावत कानून की दहलीज तक पहुंच गई। हालांकि यह बात अलग है आजम खान की सत्ता के हनक के आगे नवाब परिवार ज्यादा मजबूत नहीं दिखाई दे रहा था, लेकिन फिर एक बार वक्त ने करवट बदली और यूपी की सत्ता की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथ में आयी।
फिर आजम खान के विरोधी एकजुट होना शुरू हो गए और इन्हीं में से वह दो बड़े नाम कांग्रेस के नवाब काजिम अली खान व भाजपा के आकाश सक्सेना जिन्होंने आजम खान को सबक सिखाने के लिए सड़क से लेकर अदालत तक लड़ाई लड़ी और जिसका नतीजा यह हुआ कि आजम खान का सियासी किला ढहना शुरू हो गया। बात यहीं नहीं रुकी आजम खान पर एक के बाद एक लगभग 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए और उन्हें 27 महीने जेल में बिताने पड़े। यही नहीं आजम खान की विधायकी तो गई ही साथ ही उनका वोट देने का अधिकार भी छिन गया।
नवेद के समर्थन से आकाश उत्साहित
रामपुर में उप चुनाव हो रहे हैं ऐसे में लगातार यहां की सियासत अपना रुख बदल रही है यही कारण है कि अपनी निजी और सियासी दुश्मनी के चलते नवाब काजिम अली खान ने कांग्रेसी होते हुए भी आजम खान के दूसरे दुश्मन भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना को अपना समर्थन देने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं दिखाई है।
उन्होंने पार्टी की नीतियों को दरकरार रखते हुए खुलेआम भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना को अपने समर्थकों सहित समर्थन का ऐलान कर डाला है। वहीं दूसरी ओर नवेद मियां के इस समर्थन के बाद भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना भी जोश से लबरेज नजर आ रहे हैं और उन्होंने भी नवाब के इस समर्थन का खुले दिल से स्वागत किया है। अब रामपुर के सियासी गलियारों में हलचल तेज करते हुए आजम खान के दोनों दुश्मन नवाब काजिम अली खान और आकाश सक्सेना मजबूत दोस्त बन चुके हैं।