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मोक्षायतन योग संस्थान में बोले आरएसएस प्रमुख, स्वयं दुखमुक्त होने के बाद दुनिया को दुखमुक्त करना

• LAST UPDATED : April 30, 2022

इंडिया न्यूज, सहारनपुर:

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शनिवार को सहारनपुर में थे। मोक्षायतन योग संस्थान के 49वें स्थापना दिवस समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने योग की महत्ता को उजागर किया। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद थीं।

मुख्य वक्ता के तौर बोले

पद्मश्री योगगुरु भारत भूषण के संस्थान में संघ प्रमुख मोहन भागवत मुख्य वक्ता के तौर पर पहुंचे थे। यहां पर मोहन भागवत ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने यह दायित्व हमें दिया है। दुखमुक्त होने के बाद हमें दुनिया को दुखमुक्त करना है। हमेशा समुद्र की लहरें होती हैं, लहरों के समुद्र नहीं होते। स्वयं दुखमुक्त होने के बाद दुनिया को दुखमुक्त करना, यही भारत है। उन्होंने कहा कि योग का मतलब है झुकना।

कलाकार कला की साधना करते हुए परम तत्व तक पहुंच जाते हैं। हमारे यहां जीवन में बुद्धि शरीर के लिए नहीं है। मनुष्य के अस्तित्व का सूत्र एक है, इसे जो समझ लेता है उसका कोई शत्रु नहीं रहता, कोई दुख नहीं रहता। ऐसा जीवन जीकर दिखाना हमारा दायित्व है। इसके अब कई प्रमाण मिल रहे हैं।

योग हमें समुदाय पर्यावरण प्रकृति से जोड़ता है

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि एक बार तो वैज्ञानिकों ने यह कहा कि भगवान हैं तो उनको उनकी टेस्ट ट्यूब में आना होगा, अब विज्ञान समझने लगा है। अब विज्ञान गणित से प्राप्त होता है। मन से परे बुद्धि, बुद्धि से परे जो है वह सत्य है। वो अर्थ काम। मोक्ष को समझते हैं, लेकिन मोक्ष के लिए जो धर्म चाहिए वो उनके पास नहीं है। योग हमें समुदाय पर्यावरण प्रकृति से जोड़ता है। कलाकार कला की साधना करते हुए परम् तत्व तक पहुंच जाते हैं।

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