Sambhal
इंडिया न्यूज, संभल (Uttar Pradesh)। लोकतंत्र में एक वोट की कीमत क्या होती है और मतदाता के लिए कितना महत्वपूर्ण अधिकार होता है, यह समझना हो तो इलाहाबाद हाईकोर्ट से आए एक नोटिस से समझ सकते हैं। नोटिस संभल के डीएम को मिली है। साथ में तहसीलदार, बीएलओ को नोटिस मिली है। इससे अफसरों में खलबली मच गई है।
हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका
दरसअल, ये पूरा मामला संभल जिले की चंदौसी तहसील के अंतर्गत गांव अकबरपुर की रहने वाली दलित महिला सीमा देवी से जुड़ा है। सीमा देवी ने बताया कि वर्ष 2022 के चुनाव में वह अपने वोट से वंचित रही थीं। वह अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाई थीं। जिसके बाद उन्होंने अधिवक्ता विमलेश कुमारी के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाद दायर किया। अब कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी किया है। यह नोटिस संभल की विशेष अदालत एससी एसटी के अलावा संभल जिले के जिलाधिकारी चंदौसी एसडीएम तहसीलदार और बीएलओ को मिला है।
अधिवक्ता विमलेश कुमारी ने बताया कि बीते 26 अप्रैल 2022 को उन्होंने वादी सीमा देवी की तरफ से एसपी संभल और चंदौसी कोतवाली प्रभारी को प्रार्थना पत्र दिया था। इसके बाद एक मुकदमा पंजीकृत कराया गया। वहीं वोट से वंचित होने के चलते कोर्ट में वाद भी दायर किया गया। स्पेशल कोर्ट एससी एसटी की ओर से लगातार उन्हें आश्वासन दिया जाता रहा कि केस को जल्द ही निपटाया जाएगा। डीएम सहित अधिकारियों के यहां से जांच रिपोर्ट आने के बाद उनके इस केस को खारिज कर दिया गया। जिसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली।
अब कोर्ट के आदेश पर विशेष न्यायाधीश एससी एसटी डीएम संभल चंदौसी एसडीएम तहसीलदार और बीएलओ को सभी को नोटिस दिया गया है। वही नोटिस मिलने के बाद अफसरों में खलबली मची हुई है इस मामले में जिलाधिकारी मनीष बंसल ने बताया कि उनके संज्ञान में अभी यह मामला नहीं आया है।
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