इंडिया न्यूज, लखनऊ:
मशहूर डांसर सपना चौधरी (Sapna Chaudhary) वर्तमान समय में किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। डांसर सपना की मुश्किलें उस वक्त बढ़ गईं जब लखनऊ में उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हो गया। दरअसल, मामला यह है कि डांस का एक इवेंट रद करने व टिकट का शुल्क वापस नहीं करने के एक मामले में हाजिर न होने पर कोर्ट ने डांसर सपना चौधरी के खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दिया है। एसीजेएम शांतनु त्यागी ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तिथि सुनिश्चित की है।
13 अक्टूबर, 2018 को लखनऊ स्थित स्मृति उपवन का मामला है। यहां पर सपना चौधरी का प्रोग्राम होना था। डांसर की एक झलक पाने के लिए लोगों ने तीन-तीन सौ में आनलाइन-आफलाइन टिकट खरीदे थे। यहां सपना समेत 10 अन्य कलाकारों का कार्यक्रम प्रस्तावित था। रात तक सपना के न आने पर वहां मौजूद दर्शक आग बबूला हो गए और हंगामा करने लगे।
हालांकि इसके बावजूद टिकट का पैसा दर्शकों को नहीं मिला था। 14 अक्टूबर, 2018 को इस मामले की नामजद एफआइआर दारोगा फिरोज खान ने आशियाना थाने में दर्ज कराई थी, जिसमें कार्यक्रम के आयोजक जुनैद अहमद, नवीन शर्मा, पहल इंस्टीट्यूट के इवाद अली, अमित पांडेय व रत्नाकर उपाध्याय के साथ ही सपना चौधरी को भी नामजद किया गया था।
लखनऊ में यह पूरी घटना घटित हुई उसी वर्ष फरवरी में कानपुर शहर के बृजेंद्र स्वरूप पार्क में भी सपना चौधरी का कार्यक्रम होना था। यहां पर भी एक के विवाद के चलते दर्शकों ने तोड़-फोड़ शुरू कर दी थी। उस रात कानपुर में रिएलिटी शो बिग बॉस- 12 फेम सपना चौधरी जब मंच पर पहुंची तो वहां मौजूद भीड़ ने उनका जोरदार हूटिंग और शोर मचाकर स्वागत किया।
इस बीच सपना के एक के बाद बेहतरीन डांस परफार्मेंस से दर्शकों का मनरंजन किया था। उस दिन एक ओर कुछ राजनीतिक दलों ने अचानक वहां पहुंचकर कार्यक्रम के आयोजक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी, वजह थी कि सपना चौधरी नाइट की टिकट पर मुख्यमंत्री की फोटो का होना, जिसमें वे कार्यक्रम के आयोजक को पुरस्कृत करते दिख रहे थे।