इंडिया न्यूज, फिरोजाबाद (Mid Day Meal Scam in UP) : फिरोजाबाद में सात साल तक मिड डे मील (एमडीएम) वितरण में हुए 11.46 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल शिक्षक चंद्रकांत शर्मा को बीएसए ने निलंबित कर दिया है। विभाग में एमडीएम वितरण से जुड़ी पत्रावलियों को फिर से खंगालना शुरू कर दिया है। इसमें 50 अधिकारी व कर्मचारियों जांच शुरू हो गई है। गड़बड़ी मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इस मामले में विजिलेंस ने विवेचना शुरू कर दी है।
सात वर्ष तक चली करोड़ों रुपये की बंदरबांट विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। विजिलेंस ने बेसिक शिक्षा विभाग, उप निबंधक फर्म्स एवं चिट समेत आठ विभागों को आरोपी बनाया है। 50 अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। प्रभारी एसपी विजिलेंस आगरा परिक्षेत्र आलोक शर्मा के अनुसार मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसकी विवेचना की जा रही है।
वर्ष 2008 से मई 2014 के दौरान कौन-कौन अधिकारी तैनात रहे। स्कूलों में मिड डे मील वितरण की व्यवस्था का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। इसके लिए विभाग के ही लोगों की टीम होती है। इस टीम ने कब-कब मिड डे मील वितरण का औचक निरीक्षण किया। आरोपी शिक्षक के खिलाफ इन सात वर्ष में विभाग के पास घोटाले की शिकायत आई या नहीं, यदि शिकायत मिली तो विभाग के अधिकारी ने इस पर क्या कार्रवाई की।
सारस्वत आवासीय शिक्षा सेवा समिति का खाता पंजाब नेशनल बैंक में था। घोटाले के दौरान बैंक में कौन-कौन प्रबंधक रहे। घोटाले के मुख्य आरोपी शिक्षक चंद्रकांत शर्मा उर्फ सुनील शर्मा द्वारा रकम निकासी के दौरान स्टाफ की भूमिका की जांच की जाएगी। घोटाले के दौरान नगरीय प्राथमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों का समन्वयक कौन-कौन रहा। इनकी भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
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