इंडिया न्यूज, लखनऊ :
नकल के सहारे दरोगा बनने का सपना देख रहे थे मुन्ना भाइयों को महंगा पड़ गया। महानगर पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने कबूल किया कि सात लाख रुपये देकर आॅनलाइन परीक्षा पास की थी। इस मामले में पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अपर पुलिस अधीक्षक रश्मि रानी ने मुकदमा दर्ज कराया है। लखनऊ पुलिस लाइन में यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा उपनिरीक्षक सीधी भर्ती में नकल कर दरोगा बनने का सपना छह लोगों को भारी पड़ गया। जब उन्हें शारीरिक और शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान पकड़ लिया गया।
एडीसीपी क्राइम प्राची सिंह मुताबिक सब. इंस्पेक्टर पद पर हुई भर्ती परीक्षा में टेक्निकल माध्यम का गलत तरीके से प्रयोग कर परीक्षा पास करने वाले छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें मैनपुरी खरगजीत नगर निवासी रजत कुमार, शामली झिझाना टोण्डा के पिंकू कुमार, खुर्जा बगराई खुर्द के प्रतीक चौधरी, हरियाणा दादरी चरखी के दीपक, मुजफ्फरनगर खालापार के हरीन चौधरी और शामली कोदला खेड़ा कुरतानी निवासी आशुतोष शर्मा शामिल हैं। इन लोगों ने आगरा स्थित कृष्णा इंस्टीट्यूट के प्रबंधक महेश चन्द्रा को सात से पांच लाख रुपया देकर आॅनलाइन परीक्षा का पेपर हल कराया था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच में सामने आया है कि इन सभी अभ्यर्थियों ने आधे से कम समय में परीक्षा के प्रश्नों का उत्तर दे दिए थे। जो बिना किसी के सहयोग से संभव नहीं था। इसका बारी से परीक्षण करने पर अनुचित तरीके से प्रश्नों के जवाब देने की बात सामने आई। इसके आधार पर इन लोगों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ की अपर पुलिस अधीक्षक (अनुसचिव भर्ती) रश्मि रानी ने महानगर थाने में नकल कर दरोगा भर्ती परीक्षा पास करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। उनके मुताबिक यूपी में सब.इंस्पेक्टर पदों पर सीधी भर्ती के लिए 12 नवंबर 2021 से 02 दिसम्बर 2021 तक आॅनलाइन परीक्षा यूपी में विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की गई थी। परीक्षा में निर्धारित मानक को पूरा करने वाले 36170 अभ्यर्थियों के अभिलेखों की समीक्षा और शारिरीक मानक परीक्षा यूपी के आठ जिला मुख्यालयों पर चल रही है।
छह मई को लखनऊ में 300 अभ्यर्थियों को इसके लिए बुलाया गया था। जांच के दौरान छह अभियर्थियों के परीक्षा में अनुचित साधन प्रयोग करने के प्रमाण मिले। इसमें जांच में सामने आया कि इन लोगों ने परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक को पैसे देकर पेपर हल करने में मदद ली।
आरोपी रजत कुमार के मुताबिक आगरा स्थित कृष्णा इन्फोटेक में उनका सेंटर पड़ा था। जिला पंचायत आगरा में काम करने वाले परिचित पंकज कोटिया ने वहां के प्रबंधक महेश चन्द्रा से फोन पर बात कराई थी। महेश ने सात लाख रुपये में परीक्षा पास कराने की गारंटी ली थी। इसके एवज में दो लाख रुपये एडवांस दिया और पांच लाख रिजल्ट आने के बाद। रजत की परीक्षा 22 नवंबर 2021 को प्रथम शिफ्ट 09 से 11 में थी।
इसी तरह आशुतोष शर्मा के मुताबिक उसकी परीक्षा 22नवबंर 2021 को दूसरी पाली में थी। उसने महेश को पांच लाख रुपये पास होने के लिए दिए थे। महेश से उसका संपर्क अंकुर नाम के युवक ने कराया था।
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