इंडिया न्यूज, लखनऊ (Birth anniversary of Shyama Prasad Mukharjee)। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए स्वर दिया। योगी आदित्यनाथ जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट कर कहा कि महान राष्ट्रभक्त, जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष, हम सभी के पथ-प्रदर्शक श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन।
उन्होंने एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे का उद्घोष कर भारत की एकता व अखंडता की अक्षुण्णता को प्रखर स्वर प्रदान किया। माल्यार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी के साथ उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित कई अन्य भाजपा नेता और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी मौजूद रहे। इसके अलावा पूरे प्रदेश में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती को भाजपा व उसके आनुषंगिक संगठनों ने मनाया। इस मौके पर मुखर्जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा हुई।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी मॉडर्न हिन्दू राष्ट्रवाद और हिंदुत्व का गॉडफादर माने जाते हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की थी। ये अपनी तरह का पहला हिंदू राष्ट्रवादी दल था। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे थे और हिंदू महासभा के नेता भी थे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम आशुतोष मुखर्जी था और वह बंगाल के बड़े सम्मानित वकील थे। उनकी मां का नाम जोगमाया देवी था। उनके जीवन पर वीर सावरर की छाप थी। भारत सरकार सीएसआईआर ने मुखर्जी के नाम पर कई फेलोशिप की स्थापना की।
मुखर्जी की प्रारंभिक शिक्षा भवानीपूर मित्रा इंस्टीट्यूशन में हुइ जहां से उन्होंने मैट्रिक पास की और उसके बाद उन्होंने प्रसीडेंसी कॉलेज से 1916 में आर्ट्स स्ट्रीम से इंटर पास की। मुखर्जी ने अपनी ग्रेजुएशन इंग्लिश में की जहां उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 1923 में मुखर्जी ने बंगाली में एमए की और 1924 में बीएलएलबी।
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