इंडिया न्यूज, मेरठ।
SP-RLD’s Friendship will be Assay : विस चुनाव में सपा व रालोद की दोस्ती की भी परख होगी। मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के बाद रालोद से खिसका वोट बैंक किसान आंदोलन के बाद एकजुट दिख रहा है। दोनों पार्टियों के समर्थक तनाव को भुलाकर साथ तो आए हैं पर बूथ पर यह कितना कारगर होंगे यह आने वाले समय में ही साफ होगा। पिछला चुनाव रालोद ने अकेले लड़ा था। जयंत के लिए भी यह पहला चुनाव है, जब वह बिना चौधरी अजित सिंह के मैदान में होंगे।
चुनाव आयोग ने इस बार भी विधानसभा चुनाव की शुरुआत पश्चिमी यूपी से ही की है। सपा और रालोद के बीच अभी गठबंधन में सीटों को बंटवारा भी नहीं हो सका है। माना जा रहा है कि रालोद को 36 से 40 सीट मिल सकती हैं। मेरठ की सिवाल और कैंट सीट रालोद के खाते में आ सकती हैं। बता दें कि सात दिसंबर को गांव दबथुआ में हुई सपा-रालोद की साझा जनसभा में भारी भीड़ उमड़ी थी।
(SP-RLD’s Friendship will be Assay)