इंडिया न्यूज, मुंबई:
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को आपत्तिजनक टिप्पणी करना महंगा पड़ गया है। रत्नागिरी पुलिस ने उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट से भी उन्हें तब झटका लगा, जब कोर्ट ने एफआईआर खारिज करने की मांग वाली राणे की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। भाजपा नेता प्रमोद जठार ने बताया कि रत्नागिरी के एसपी नारायण राणे को बिना किसी गिरफ्तारी वारंट के गिरफ्तार करने संगमेश्वर पहुंचे। एसपी का कहना था कि उन पर गिरफ्तारी का जबरदस्त दबाव है और उन्हें पांच मिनट में राणे को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया है। हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। एफआईआर खारिज करने की मांग को लेकर अधिवक्ता अनिकेत निकम ने याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की पीठ ने निकम को अदालत जाने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया है। नासिक, पुणे और महाड थाने में दर्ज तीन प्राथमिकी को रद करने के लिए भी आवेदन दिया गया है। एक चैनल से बात में अधिवक्ता अनिकेत निकम ने कहा, कोई भी अपराध जिसमें 7 साल से कम की सजा हो, ऐसे मामलों में पुलिस को सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत नोटिस जारी करना पड़ता है जो जारी नहीं किया गया था। संगमेश्वर पुलिस द्वारा कार्रवाई गलत व अवैध है। इससे पहले उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर प्रदर्शन के दौरान मुंबई में बीजेपी और शिवसेना के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और पुलिस को मामले को शांत करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
नारायण राणे ने यह दिया था बयान
केंद्रीय मंत्री राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कथित तौर पर कहा, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता। राणे ने दावा किया कि 15 अगस्त को जनता को संबोधित करते समय ठाकरे यह भूल गए थे कि आजादी को कितने साल पूरे हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भाषण के बीच में वह अपने सहयोगियों से पूछ रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस को कितने साल हुए हैं।