इंडिया न्यूज, लखनऊ (CM Yogi in Action Mode)। सरकार की छवि खराब करने वाले नौकरशाहों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। हेल्थ एवं पीडब्ल्यूडी में तबादलों में गड़बड़ियों और पशुपालन घोटाले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुस्से में हैं। सीएम ने तबादलों में गड़बड़ियों की जांच के लिए मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है, जबकि पशुपालन घोटाले की जांच के आदेश भी दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय को जांच रिपोर्ट का इंतजार है। इसके बाद स्वास्थ्य, लोक निर्माण व पशुपालन विभाग के कई वरिष्ठ अफसरों की विदाई तय मानी जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग में बीते 30 जून को हुए तबादलों को लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने नाराजगी जताते हुए स्थानांतरण नीति का पालन किए जाने की बात कही थी। पाठक ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद द्वारा किए गए तबादलों पर नाराजगी जताते हुए पत्र भी लिखा था। पत्र में पाठक ने तबादलों में तमाम तरह की गड़बड़ियों का भी जिक्र किया था और अमित मोहन से स्पष्टीकरण मांगा था लेकिन उन्होंने उप मुख्यमंत्री के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने भी इस मामले में जवाब-तलब किया था।
सीएम योगी ने स्वास्थ्य विभाग के तबादलों पर रिपोर्ट तलब की और पूरे प्रकरण की जानकारी लेने के बाद जांच के लिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बना दी। कमेटी को तबादलों में हुई गड़बड़ियों की समीक्षा करके दो दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था। इसी प्रकार पीडब्ल्यूडी में हुए तबादलों की जांच के लिए एपीसी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। पीडब्ल्यूडी में तो अफसरों ने खुलेआम तबादला नीति की धज्जियां उड़ाईं।
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