Subhas Chandra Bose: 20 नवम्बर 1940 को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद लखनऊ आये थे, नेता जी सुभाष चंद्र बोस

Subhas Chandra Bose: (Netaji Subhash Chandra Bose came to Lucknow 82 years ago after becoming Congress Presiden): कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद 82 साल पहले लखनऊ आये थे नेता जी सुभाष चंद्र बोस

भारत की आजादी में “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” नारा बुलंद करने वाले महान क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस 20 नवम्बर को भारत आये थे। सुभाष चंद्र बोस कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद लखनऊ के हीवेट रोड स्थित बंगाली क्लब आये थे। उनको बंगाली क्लब और युवक समिति ने अभिनन्दन पत्र देने के लिए आमंत्रित किया था। नेता जी के लखनऊ पहुंचने पर राजधानी को बहुत सूंदर सजाया गया था। नेता जी का स्वागत फूल माला से किया गया था। उस दौर में कांग्रेस अध्यक्ष का पद देश के लोगों के लिए गर्व की बात होती थी।

बंगाली क्लब के वर्तमान अध्यक्ष ने क्या कहा?

बंगाली क्लब के वर्तमान अध्यक्ष अरुण बनर्जी ने कहा कि 82 साल बाद भी सुभाष चंद्र बोस को दिए गये अभिनन्दन पत्र की प्रतिलिपि और क्लब के लोगों के साथ खिंचवाई गई फोटो को क्लब के अंदर काफी सहेज कर रखा गया है। उन्होंने आगे कहा कि “वह अभिनन्दन पत्र बंगाली भाषा में लिखा गया है और उस पत्र में सुभाष चंद्र बोस के संघर्षो पर प्रकाश डाला गया है।”

आगे कहा कि मैंने अपने बड़ो से सुना है कि सुभाष चंद्र के स्वागत के लिए राजधानी को खूब सजाया गया था। क्लब परिसर में आयोजित कार्यक्रम में नेता जी ने युवाओं को सम्बोधित भी किया था।

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रवीन्द्रनाथ टैगोर ने दी थी देश नायक की उपाधि

आपको बता दे, सुभाष चंद्र बोस को सबसे पहली बार जर्मन के तानाशाह अडोल्फ हिटलर ने “नेता जी” कहकर बुलाया था। नेता जी के साथ ही सुभाष चंद्र बोस को देश नायक भी कहा जाता है। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने सुभाष चंद्र बोस को देश नायक कि उपाधि दी थी। साल 1942 में सुभाष चंद्र बोस हिटलर के पास गए और भारत को आजाद करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन हिटलर ने इस बात में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। हिटलर ने सुभाष चंद्र बोस से इस मुद्दे पर कुछ अस्पस्ट बात भी नहीं किया था।

1940 में लखनऊ आये थे नेता जी

काकोरी केस के क्रांतिकारी रामकृष्ण के बेटे उदय खत्री ने बताया कि मेरे पिता (रामकृष्ण) जी ने 1940 में नेता जी का लखनऊ में दौरा कराया था। साथ ही वह नेता जी के द्वारा स्थापित फॉरवर्ड ब्लाक के संस्थापक सदस्य थे। आगे उन्होंने बताया कि नेता जी ने लखनऊ दौरे के दौरान अमीनाबाद के घंटा घर पार्क में विराट सभा को भी सम्बोधित किया था। इस दौरान भारी संख्या में युवक जुटे थे।

बंगाली क्लब के तत्कालीन सचिव ने क्या कहा?

तत्कालीन बंगाली क्लब के सचिव शंकर भौतिक ने कहा कि आज 82 साल बाद भी उनके मान पत्र कि प्रतिलिपि क्लब में रखीं है। जो उनके लखनऊ आने का प्रमाण देती है। नेता जी कि जयंती के दिन क्लब से जुड़े इतिहास पर क्लब के सभी सदस्यों को गर्व हैं।

Anubhaw Mani Tripathi

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