Supreme Court: ‘जज साहब… बिना शादी के बच्‍चा पैदा करने की अनुमति दें’, सुप्रीम कोर्ट में ये कैसी मांग रख दी?

India News(इंडिया न्यूज़),Supreme Court: मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा, जिसमें एक युवती ने अविवाहित महिलाओं को सरोगेसी के जरिए बच्चा पैदा करने की अनुमति की मांग की है। इस मामले में जस्टिस बीवी नागरत्ना और उज्जल भुइयां द्वारा शुरू में याचिकाकर्ता की दलीलों को खारिज कर दिया था। हालांकि, कोर्ट ने अब इस मुद्दे की जांच करने का निर्णय लिया और मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

क्या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट की वकील नेहा नागपाल ने यह याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि महिलाओं को बिना शादी किए बच्चा पैदा करने की इजाजत दी जानी चाहिए। इस याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता अपने निजी जीवन में राज्य के हस्तक्षेप के बिना सरोगेट और अपनी शर्तों पर मां बनने का अनुभव करने के अपने अधिकार को सुरक्षित करना चाहतीं हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि अविवाहित महिलाओं के लिए सरोगेसी पर प्रतिबंध याचिकाकर्ता के प्रजनन के अधिकार, परिवार शुरू करने के अधिकार, सार्थक पारिवारिक जीवन के अधिकार और निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है।

क्या है याचिका?

याचिका में कहा गया है कि सरोगेट मदर को किसी भी मौद्रिक मुआवजे/प्रतिफल पर रोक प्रभावी रूप से याचिकाकर्ता के लिए सरोगेट मदर ढूंढना असंभव बना देती है। नेहा नागपाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ किरपाल ने दलील दी कि मौजूदा सरोगेसी नियमों में बड़े पैमाने पर खामियां हैं। उन्होंने बताया अविवाहित महिलाओं पर सेरोगेसी का विकल्प चुनने पर प्रतिबंध अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और 21 (जीवन का अधिकार) के खिलाफ है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि अविवाहित महिलाओं द्वारा सरोगेसी का लाभ उठाने का मुद्दा वर्तमान में शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाओं के एक बड़े समूह में मौजूद है। न्यायमूर्ति नागरत्ना ने जवाब देते हुए बताया, हमारे सामने एक दुविधा है. अविवाहित महिलाओं के लिए भारत में कितनी एआरटी प्रक्रियाएं हुई हैं? हमें भारतीय समाज की नब्ज भी देखनी होगी। किरपाल ने तब आग्रह करते हुए कहा, माई लॉर्ड्स ऐसा कह सकते हैं, लेकिन संविधान के ताने-बाने को बनाए रखना होगा। इसे सुनने की जरूरत है। मुझे यकीन है कि मैं अदालत को योग्यता के बारे में समझा सकता हूं। हम रोक के लिए दबाव नहीं डाल रहे हैं।

इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले में नोटिस जारी किया। याचिका वकील मलक मनीष भट्ट के माध्यम से दायर की गई थी। इस याचिका पर वाणिज्यिक सरोगेसी पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) याचिकाओं के साथ सुनवाई की गई है।

इन जनहित याचिकाओं में, याचिकाकर्ताओं ने सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 और सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम, 2021 (एआरटी अधिनियम) की वैधता के साथ-साथ प्रत्येक अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों को चुनौती दी है। इस साल अक्टूबर में, सुप्रीम कोर्ट ने पाया था कि गर्भकालीन सरोगेसी में दाता युग्मक (अंडे या शुक्राणु) के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध सरोगेसी अधिनियम के तहत नियमों के खिलाफ प्रतीत होता है।

 

ये भी पढ़े-Winter Season: ठंड में सूजती उंगलियों से परेशान?..जानिए घरेलू इलाज

आने वाला है Mirzapur का तीसरा सीजन..सीरीज से जुड़े एक्टर ने दिया अपडेट

SHIVANI MISHRA

Recent Posts

CM Yogi: शिक्षा की तरफ बड़ा कदम, यूनिफॉर्म के लिए सरकार की तरफ से मिलेंगे 1200

India News UP (इंडिया न्यूज़), CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा…

3 months ago

UP News: 12 किलोमीटर चलने के बाद ऑटो की सवारियों को दिखा अजगर! मची भगदड़

India News UP (इंडिया न्यूज़), UP News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक चौंकाने…

3 months ago

Allahabad High Court: HC ने खारिज की याचिका, फैसला कांग्रेस के सांसदों के पक्ष में

India News UP (इंडिया न्यूज़), Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के 99…

3 months ago

Bahraich News: भेड़ियों का आतंक! मासूम बच्चों की ले ली जान

India News UP (इंडिया न्यूज़), Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का…

3 months ago

Doctors Strike: 8 दिन बाद भी न्याय की मांग गूंज रही, BHU में डॉक्टरों की हड़ताल

India News UP (इंडिया न्यूज़), Doctors Strike: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित बनारस हिंदू…

3 months ago