द्वारका और शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया। वे 99 साल के थे। उन्होंने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में आखिरी सांस ली। स्वरुपानंद के निधन पर पूर्व सांसद राम विलास वेदांती और हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि समेत कई संतों ने शोक जताया है।
9 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर
स्वामी स्वरुपानंद का जन्म मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में दिघेरी गांव में हुआ था। उनके बचपन का नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था। महज 9 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़कर धर्म की यात्रा की शुरू कर दी थी। यात्रा के दौरान वे यूपी के काशी पहुंचे और यहां ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज से वेद-वेदांग और शास्त्रों की शिक्षा ली।
महज 19 साल की उम्र में वे क्रांतिकारी साधु के रुप में मशहूर हो गए थे। ये बात 1942 की है। तब देश में अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई चल रही थी।