इंडिया न्यूज, हल्द्वानी।
Tiger and Leopard Fight in Surai Forest : सुरई जंगल में बाघ के संघर्ष में तेंदुए की मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मौका मुआयना किया और मादा तेंदुए के शव को कब्जे में ले लिया। वन विभाग के दो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया और डीएनए परीक्षण के लिए खाल, बाल व मांस के टुकड़ों के नमूने लिए गए, जो भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजे गए हैं। तराई पूर्वी वन प्रभाग की सुरईं रेंज में शुक्रवार देर शाम वन विभाग की टीम गश्त कर रही थी। इसी बीच टीम को तृतीय बीट कक्ष संख्या 46 डी में मादा तेंदुए का शव पड़ा मिला। टीम ने तुरंत एसडीओ शिवराज चंद को इसकी जानकारी दी।
विभाग के डॉ.एसके शर्मा व डॉ.जेपी यादव मौके पर पहुंचे और मादा तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम किया। साथ ही खाल, बाल व मांस के टुकड़ों के नमूने लेकर भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून डीएनए जांच के लिए भेजे। एसडीओ शिवराज चंद ने बताया कि घटनास्थल पर बाघ के पगमार्क मिले हैं। साथ ही मृृत मादा तेंदुए के शरीर पर खरोंच के निशान पाए गए। दांत, नाखून व खाली सभी अंग सुरक्षित थे। इससे प्रतीत होता है कि बाघ व तेंदुए के बीच संघर्ष में तेंदुए की मौत हुई है। बताया कि मृत तेंदुए की आयु सात से आठ साल के बीच है, जिसकी लंबाई करीब 1.96 मीटर थी।
सुरई रेंज में आपसी संघर्ष के बीच तेंदुए की मौत के बाद जब वन विभाग की टीम शव उठाने पहुंची तो करीब तीन बाघों ने टीम को घेर लिया। यह देख रेंजर सुधीर कुमार, डिप्टी रेंजर सतीश चंद रेखाड़ी, वन बीट अधिकारी नारायण सिंह भंडारी व वन दरोगा हरीश राम विभाग के वाहन में बैठ गए और लगभग तीन घंटे बाघ उनके वाहन के इर्दगिर्द घूमते रहे। इसके बाद जब बाघ हटे तो विभागीय टीम ने तेंदुए का शव कब्जे में लिया। सुरई रेंज में बाघ और तेदुओं की आपसी संघर्ष का मामला कोई नया नहीं है। इससे पहले भी संघर्ष की वारदातें सामने आती रही हैं।
(Tiger and Leopard Fight in Surai Forest)