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UP: सुर्खियों में रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के ये 10 अहम फैसले, पढ़ें

• LAST UPDATED : December 31, 2022

UP

इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh)। इलाहाबाद हाईकोर्ट देश ही नहीं बल्कि दुनिया में सबसे बड़ी अदालत है। यहां से आने वाले फैसले पूरे देश में चर्चा का विषय बन जाते हैं। ऐसे ही कुछ फैसले साल 2022 में भी लिए गए। आइए आज आपको इलाहाबाद हाईकोर्ट के कुछ चर्चित फैसलों के बारे में बताते हैं।

ओबीसी आरक्षण के बिना नगर निकाय चुनाव
साल का सबसे चर्चित फैसला ओबीसी आरक्षण के बिना नगर निकाय चुनाव कराया जाना रहा। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने फैसले में कहा कि ट्रिपल टेस्ट के बिना ओबीसी आरक्षण लागू करने का नियम ठीक नहीं है, लेकिन अदालत ने साथ ही यह भी आदेश दिया कि लोकतंत्र में लम्बे समय तक चुनाव रोके नहीं जा सकते, इसलिए ओबीसी आरक्षण के बिना ही नगर निकाय चुनाव समय पर कराए जाएं। लखनऊ बेंच का यह फैसला 27 दिसंबर को सुनाया गया था।

ज्ञानवापी विवाद
साल के चर्चित ज्ञानवापी विवाद से जुड़े तमाम मामलों की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में की गई। हालांकि किसी भी मामले में फैसला नहीं सुनाया गया। सभी मामलों में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया। इन सभी मामलों पर फैसला नए साल में ही आएगा।

मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का मामला
मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े कई मामले भी इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे। जहां उनकी सुनवाई हुई। ज़्यादातर मामलों में हाईकोर्ट ने जिला कोर्ट को मुक़दमे की सुनवाई को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए निर्देशित किया।

यूपी में ओबीसी जातियों को एससी में शिफ्ट किये जाने पर फैसला
उत्तर प्रदेश में ओबीसी की करीब डेढ़ दर्जन जातियों को एससी की कैटेगरी में शिफ्ट किये जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 31 अगस्त को अपना फैसला सुनाया। अपने फैसले में हाईकोर्ट ने मामले में जारी सभी अधिसूचना को रद्द कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से 17 जातियां अनुसूचित जाति की कैटेगरी से वापस ओबीसी में आ गईं।

सपा नेता आज़म खान से जुड़ा फैसला
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आज़म खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मई के महीने में जमानत मिली। इसके साथ ही अदालत ने सपा नेता पर तमाम टिप्पणियां भी कीं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आज़म खान ने सत्ता के नशे में चूर होकर अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। आज़म खान ने लोगों को ठगा है।

मुख़्तार अंसारी और उसके परिवार से जुड़े फैसले
बाहुबली के नाम से विक्ख्यात विधायक मुख़्तार अंसारी और उसके परिवार से जुड़े कई मामलों की इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। एकाध मामलों के अलावा सभी मुकदमों में परिवार को मायूसी ही हाथ लगी।

शाइन सिटी में छाछठ हज़ार करोड़ रूपये का फर्जीवाड़ा
रियल स्टेट कंपनी शाइन सिटी पर छाछठ हज़ार करोड़ रूपये के फर्जीवाड़े का आरोप लगा था। इस घोटाले से जुड़े तमाम मामले भी इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे और उनकी सुनवाई हुई। इस घोटाले की जांच चार केंद्रीय एजेंसियां प्रवर्तन निदेशालय, ईओडब्लू, सीबीआई और एसएफआईए कर रही हैं। कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद ही सीएमडी राशिद नसीम के खिलाफनोटिस जारी हो सका। इलाहाबाद हाईकोर्ट आगामी साल में भी इस मामले में सुनवाई जारी रखेगी।

गंगा नदी के प्रदूषण का मामला
इलाहाबाद हाईकोर्ट में गंगा नदी के प्रदूषण को लेकर भी 2022 में कई बार सुनवाई हुई। अदालत ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के अफसरों को तलब कर ज़ोरदार फटकार लगाई। साथ ही नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर सवाल भी उठाए। आगे भी इसकी सुनवाई जारी रहेगी।

योगी और केशव को हाईकोर्ट से राहत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी अदालत से राहत मिली। राजस्थान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए भाषण और उनके नाम को लेकर दाखिल याचिकाएं खारिज हो गईं। साथ ही वादी पर हर्जाना भी लगा। वहीं डिप्टी सीएम केशव मौर्य की डिग्री को लेकर दाखिल याचिका को भी खारिज कर दिया गया।

यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन को हाईकोर्ट से झटका
यूपी पब्लिक सर्विस कमीशनी की प्रारम्भिक परीक्षा के नतीजे को दो अगस्त को रद्द कर दिया गया था। यूपी पीसीएस ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में इस फैसले को चुनौती दी। डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को 18 अक्टूबर को रद्द कर दिया।

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