इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh Electricity)। यूपी में इस साल न तो बिजली दरें बढ़ेंगी और न ही स्लैब परिवर्तन होगा। इसके संकेत राज्य विद्युत नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति की बैठक में सदस्यों के रुख से मिले। नियामक आयोग ने कहा है कि वह बिजली कंपनियों की अक्षमता का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने के पक्ष में नहीं है। दरें बढ़ाने के बजाय बिजली कंपनियों को घाटे से उबरने के लिए अपनी परफार्मेंस में सुधार पर ध्यान देना होगा। बिजली कंपनियों ने सलाहकार समिति में भी स्लैब परिवर्तन प्रस्ताव के प्रस्तुतिकरण का प्रयास किया लेकिन कुछ सदस्यों के विरोध के चलते वे कामयाब नहीं हुए।
नियामक आयोग ने 2022-23 की बिजली दरों पर जनसुनवाई की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सोमवार को ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बड़ी संवैधानिक कमेटी राज्य सलाहकार समिति की बैठक में सदस्यों से रायशुमारी की। नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह की अध्यक्षता में हुई सलाहकार समिति की बैठक में आयोग के निदेशक टैरिफ डॉ. अमित भार्गव ने बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर), ट्रू-अप तथा बिजली दर से संबंधित वित्तीय मानकों पर प्रस्तुतिकरण किया।
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