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इंडिया न्यूज, बस्ती (Uttar Pradesh) । जापान से यूपी के बस्ती आकर एक जापानी परिवार ने अपनी बेटी की शादी एक हिंदुस्तानी लड़के से हिन्दू रीति-रिवाज से सम्पन्न कराई। बस्ती जिले के एक लॉन में जापानी दुल्हन और बस्ती के दुल्हे ने अग्नि के सात फेरे लिए और जीवन भर साथ रहने की कसमें खाई। इस विवाह से दुल्हन के परिजन जहां खूब प्रभावित हुए। वहीं दुल्हन के साथ आए परिजन भारतीय संस्कृति देखकर भाव विभोर दिखे। जिले में इस विवाह की खूब चर्चा है और इस विवाह को 2 दिलों ही नहीं बल्कि, 2 देशों के संबंधों से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
बस्ती जिले के दुबौलिया इलाके के डेईडिहा गांव निवासी किसान राजेंद्र त्रिपाठी के बड़े बेटे अजीत त्रिपाठी की शुरुआती पढ़ाई गांव में हुई थी। इंटरमीडिएट अयोध्या से पास किया। इसके बाद बीटेक की पढ़ाई करने पश्चिम बंगाल दुर्गापुर राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान चला गया। जहां 2008 से 2012 तक 4 साल पढ़ाई करने के बाद 2014 में जपान चला गया। जपान में टोकियो के हिकारी तुल्सेन कम्पनी में साफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नौकरी शुरू की। दो वर्ष पूर्व नौकरी के दौरान अजीत त्रिपाठी की मुलाकात आनलाइन मार्केटिंग मैनेजर के रूप में कार्यरत एक जपानी लड़की से नजदीकी बढ़ी और दोस्ती हो गई।
परिवारवालों को राजी करना था चुनौती
इंजीनियर अजीत त्रिपाठी से भारतीय संस्कृति के बारे में जानकर मसाको भी काफी प्रभावित हुई। फिर दोनों ने विवाह करने का निर्णय ले लिया। विवाह बंधन में बंधने के लिए इस जोड़े को करीब एक साल मशक्कत करनी पड़ी। दोनों ने कभी हार नहीं मानी। अजीत को जहां परिवार के सभी सदस्यों के साथ अपनी माता-पिता और परिजनों का दिल जीतना था, वहीं मसाको को अपने माता शसिको-पिता नोरी फुमी को इस विवाह के लिए राजी करना भी किसी चुनौती से कम नहीं थी। अंत में दोनों ने अपने परिवार को इस विवाह के लिए राजी कर लिया।
अजीत के परिवार के लोगों ने भी शादी के लिए रजामंदी दे दी।और अजीत के परिवार के इच्छा के अनुसार मसाको का भी परिवार भारतीय संस्कृति के अनुसार हिन्दू रीति-रिवाज से शादी करने को राजी हो गया और अब दोनों परिवार इस रिश्ते से खुश हैं।
हिंदू रीति रिवाज देख खुश नजर आए लड़की के मां-बाप
जापानी लड़की के माता-पिता हिन्दू रीति-रिवाज से काफी प्रभावित दिखें। बेटी के शादी के लम्हों को हर पल को कैमर में कैद करते दिखे। जापानी दुल्हन मसाको ने बताया कि जब पति हिन्दुस्तानी है तो शादी भी यहां के रस्म-ओ-रिवाज से करने की इच्छा थी। ताकि यहां को लोगों के लोगों को यह मलाल न रहे कि हम लोग अपनी परम्परा भूल गए। मशाको ने कहा कि मैं भले ही जापान से हूं लेकिन शादी के बाद मैं भारतीय बहू हूं। और अब भारत ही मेरा देश और भारतीय संस्कृति ही मेरी पहचान है।
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