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UP: काशी-तमिल संगमम का आज होगा आगाज, कल आएंगे पीएम मोदी

• LAST UPDATED : November 18, 2022

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इंडिया न्यूज, वाराणसी (Uttar Pradesh) । काशी-तमिल संगमम का औपचारिक शुभारंभ आज 18 नवंबर की शाम को होगा। जबकि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में संगमम के मुख्य आयोजन की शुरुआत करेंगे। मण्डलायुक्त कौशलराज शर्मा ने बताया कि 12 ट्रेनों से ढाई हजार प्रतिभागी और तमिलनाडु के कुल लगभग 10 हजार लोग वाराणसी घूमने के लिए आएंगे।

तमिलनाडु के 2500 विजिटर्स वाराणसी आएंगे
वाराणसी के BHU कैंपस स्थित एंफीथिएटर ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की तैयारी युद्धस्तर पर की जा रही है। वाराणसी में दो दिन तक काशी-तमिल गीत-संगीत का कार्यक्रम चलेगा, जिसमें 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एंफीथिएटर ग्राउंड में संगमम के मुख्य आयोजन की शुरुआत करेंगे।

BHU के एंफीथिएटर ग्राउंड पर SPG के अधिकारियों के साथ पुलिस और प्रशासन की बैठक हुई, इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया गया। पीएम मोदी की सभा के लिए बनाये गए पंडाल में 5 हजार कुर्सियां लगाईं गईं हैं, 100 मजदूर मिलकर मंच को अंतिम रूप देने में लगे हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से एसपीजी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीएचयू के एम्फीथिएटर ग्राउंड पर बने सभास्थल को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया है।

पीएम मोदी यहां पर अपना उद्बोधन देने के बाद 75 स्टालों की प्रदर्शनी देखेंगे, इसके बाद कार्यक्रम पूरे एक महीने तक लगातार चलेगा। तमिलनाडु के 2500 विजिटर्स वाराणसी आएंगे, वे यूपी के ब्रांड अंबेसडर बनकर अपने घर लौटेंगे। तमिल संगमम भारत के इतिहास में हिंदी और तमिल भाषाई लोगों के मेल-मिलाप का सबसे बड़ा महोत्सव है।

18 नवंबर से 16 दिसंबर तक 12 ट्रेनों से ढाई-ढाई हजार तमिल डेलीगेट्स वाराणसी आएंगे और हर डेलीगेट दो दिन काशी-तमिल संगमम में रूकेगा। यहां पर BHU के छात्रों, रिसर्चरों और एकेडमिक लोगों के साथ संगोष्ठियां होंगी। वहीं, यहां पर सजे 75 स्टालों पर तमिलनाडु का कल्चर, परिधान, व्यंजन, हस्तकला, हथकरघा, हेरिटेज, वास्तुकला, मंदिर, त्योहार, खानपान, खेल, मौसम, शिक्षा और राजनीतिक जानकारियां दी जाएंगी। वे लोग वाराणसी के मंदिर, घाट, सारनाथ, हेरिटेज घूमेंगे। तमिल डेलीगेट्स यहां से प्रयागराज संगम और अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का दर्शन करके वापस काशी आएंगे, यहां से वे ट्रेन द्वारा वापस तमिलनाडु लौट जाएंगे।

12 ट्रेनों से ढाई हजार तमिल डेलीगेट्स वाराणसी आएंगे
17 नवंबर से 16 दिसंबर तक चार अलग-अलग सप्ताह में 12 ट्रेनों से ढाई हजार तमिल डेलीगेट्स वाराणसी आएंगे। हर डेलीगेट दो दिन काशी-तमिल संगमम में रूकेगा। यहां पर BHU के छात्रों, रिसर्चरों और एकेडमिक लोगों के साथ संगोष्ठियां होंगी। वहीं, यहां पर सजे 75 स्टालों पर तमिलनाडु का कल्चर, परिधान, व्यंजन, हस्तकला, हथकरघा, हेरिटेज, वास्तुकला, मंदिर, त्योहार, खानपान, खेल, मौसम, शिक्षा और राजनीतिक जानकारियां दी जाएंगी। वे लोग वाराणसी के मंदिर, घाट, सारनाथ, हेरिटेज घूमेंगे। वहीं यहां से प्रयागराज संगम और अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का दर्शन करके सभी लोग वापस काशी आएंगे। यहां से वे तमिलनाडु लौट जाएंगे।

IIT-मद्रास ने 2500 लोगों का बनाया 12 ग्रुप
आपको बता दें कि मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा इस कार्यक्रम को कराया जा रहा है, जिसमें IIT-मद्रास और IIT BHU को आयोजक बनाया गया है। IIT-मद्रास द्वारा 2500 लोगों का 12 ग्रुप बनाया गया है। दिन भर तमिल विषयों पर संगोष्ठियां होंगी, वहीं शाम को लोक कला और शास्त्रीय कलाओं की प्रदर्शनी और प्रस्तुति होगी। तमिल लोगों को देखने के लिए काशी का हैंडलूम होगा, तो वहीं काशी के लोगों को इस ग्राउंड पर संपूर्ण तमिलनाडु को देखने का अवसर मिलेगा।

कमिश्नरी सभागार में मण्डलायुक्त कौशलराज शर्मा ने मीडिया को बताया कि हर काशीवासी केंद्र सरकार के भाषिणी एप्प को डाऊनलोड करके, तमिल के कुछ शब्द सीखें और इस संगमम में पहुंचे तमिल अतिथियों का उनकी भाषा में स्वागत करें।मण्डलायुक्त कौशलराज शर्मा ने नाविकों, ऑटो रिक्शा, ई रिक्शा व होटल मालिकों के साथ ही स्मार्ट सिटी एवं पर्यटन विभाग से जुड़े लोगों को भी इस तमिल संगमम में योगदान देने को कहा है।

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