UP Nagar Nikay Chunav
इंडिया न्यूज, बिजनौर (Uttar Pradesh)। नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए बनाए गए आयोग के अध्यक्ष पूर्व जस्टिस राम अवतार सिंह ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नगर निकाय में ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग बना दिया है। लेकिन ओबीसी आरक्षण कठिन और चुनौतीपूर्ण काम है। प्रदेश के हर जिले में जाकर सर्वे किया जाएगा। हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के जो जजमेंट हुए हैं, उन्हीं के दिशा निर्देशों पर काम किया जाएगा।
पूर्व जस्टिस राम अवतार सिंह बिजनौर में नजीबाबाद के रहने वाले हैं। आयोग अध्यक्ष ने कहा कि सर्वे और रिपोर्ट बनाने में कम से कम 6 महीने लगेंगे। ऐसे में तय हो गया है कि नगर निकाय चुनाव छह महीने के लिए टल जाएंगे। क्योंकि योगी सरकार बिना आरक्षण के चुनाव कराने के मूड में नहीं हैं। इस बाबत गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी भी दाखिल कर दी गई है।
एक दिन पहले बना आयोग
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के सर्वे के लिए बुधवार को आयोग का गठन कर दिया है। आयोग 6 महीने के लिए बनाया गया है। रिटायर्ड जस्टिस राम अवतार सिंह को आयोग को अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि उनकी टीम में चार सदस्य हैं।
ये बनाए गए सदस्य
रिटायर्ड आईएएस चोब सिंह वर्मा
रिटायर्ड आईएएस महेंद्र कुमार
पूर्व अपर विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा
पूर्व अपर विधि परामर्शी और पूर्व जिला जज बृजेश कुमार सोनी
इससे पहले मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने ओबीसी आरक्षण पर फैसला दिया था कि सरकार बिना आरक्षण के चुनाव कराए। इस पर सीएम योगी ने कहा था कि सरकार बिना ओबीसी आरक्षण कराए चुनाव नहीं कराएगी। इसके लिए आयोग गठित करेंगे। हालांकि विपक्ष का कहना है कि यदि आयोग ही बनाना था तो पहले क्यों नहीं बनाया गया।
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