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इंडिया न्यूज यूपी/यूके, लखनऊ: आयुष कॉलेजों में हेराफेरी मामले में मंगलवार को बड़ा एक्शन हुआ है। हेराफेरी से हुए एडमिशन के मामले में संदिग्ध पाए गए सभी छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। इन्हें हॉस्टल छोड़ने का आदेश दिया गया है लेकिन इनके दस्तावेज सील कर दिए गए हैं। प्रदेश के आयुर्वेदिक एवं यूनानी व होम्योपैथी मेडिकल कॉलेजों में तमाम छात्रों ने हेराफेरी कर दाखिला ले लिया था। आयुष विभाग की जांच में 891 छात्र संदिग्ध चिन्हित किए गए हैं।
जांच के बाद छात्रों पर होगी कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक निजी कॉलेजों ने छात्रों के निलंबित करने की सूचना आयुष विभाग में भेज दी है। वहीं अन्य की रिपोर्ट अभी तक कार्यालय नहीं पहुंची है। माना जा रहा है देर शाम तक यह रिपोर्ट विभाग में पहुंचने की उम्मीद है। सभी सरकारी कॉलेजों के प्रधानाचार्य ने छात्रों को निलंबित कर दिया है। जबकि निजी कॉलेजों के छात्रों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई चल रही है। सूत्रों के मुताबिक अभी छात्रों के खिलाफ किसी तरह की तरह की कार्रवाई नहीं होगी। जांच पड़ताल के बाद ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जानें पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में आयुष कॉलेजों में दाखिले के नाम पर नीट यूजी-2021 की मेरिट सूची में स्थान बनाने वालों की जगह ऐसे लोगों को दाखिला दिया गया था जिनसे पैसे लिए गए थे। बताया जा रहा है कि सरकारी आयुष कॉलेजों के लिए पांच लाख रुपये और प्राइवेट कॉलेजों के लिए अभ्यर्थियों से 3.5 लाख रुपये वसूले गए थे। जबकि प्राइवेट होम्योपैथिक कॉलेजों में प्रवेश के लिए चार लाख और प्राइवेट कॉलेजों के लिए 2.5 लाख लिए गए थे। वहीं यूनानी कॉलेज में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थियों से 2.5 लाख लिए गए थे। मामले की जानकारी सामने आने के बाद निदेशालय में दाखिले से जुड़े दस्तावेज को सील कर दिया गया है।