India News(इंडिया न्यूज़),Kinnar Welfare Board: यूपी में किन्नर की दशा सुधारने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने काम शुरू कर दिया है। प्रदेश की योगी सरकार किन्नरों को जीवन निर्वाह के लिए जल्द ही पेंशन देने की तैयी कर रही है। ये पेंशन राशि 12 हाजार रुपये प्रति वर्षा हो सकती है, जिसका भुगतान वृद्धावस्था पेंशन की तरह तिमाही किन्नरों के आधार लिंक खातों में होगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग यूपी में किन्नरों का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा रहे है।
साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 1.36 लाख किन्नर हैं। उन्हें पेंशन, पर्यटन और अन्य सरकारी एजेंसियों से जोड़ने के लिए सामाजिक सुरक्षा सेवा एक सर्वेक्षण के माध्यम से उनकी पहचान करती है और उन्हें मंत्रालय के पोर्टल पर पंजीकृत करती है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में राज्य में 1,070 पंजीकृत किन्नर हैं, जिनमें से अधिकतम 110 गौतम बुद्ध नगर से हैं। 92 रजिस्ट्रेशन के साथ गाजियाबाद दूसरे और 64 रजिस्ट्रेशन के साथ लखनऊ तीसरे स्थान पर है। इनमें से 514 किन्नरों को विभाग द्वारा अधिकृत प्रमाण पत्र जारी किये गये। वर्तमान में यह प्रक्रिया तेजी से विकसित हो रही है। मंत्रालय का कहना है कि पंजीकरण के साथ ही आयुष्मान कार्ड जारी करने का रास्ता साफ हो गया है। इसके अलावा केंद्र सरकार के स्माइल कार्यक्रम के तहत किन्नरों को लाभ दिलाने का काम तेजी से चल रहा है।
योगी सरकार ने एक अहम फैसले लेते हुए 9 जून 2021 को उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया। यह फैसला न सिर्फ राजनीतिक बल्कि सामाजिक नजरिए से भी अहम था। बोर्ड के गठन के साथ ही सरकार ने समाजवादी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं सोनम चिश्ती को उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके प्रमुख समाज कल्याण मंत्री हैं। सोनम चिश्ती के अनुसार, किन्नरों को पहले दिन से पेंशन के रूप में 1,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए। वे मुफ्त इलाज भी चाहते हैं। समिति के उपाध्यक्ष की यह भी मांग है कि सरकार किन्नरों के प्रशिक्षण और आवास को विनियमित करे।
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