India News UP(इंडिया न्यूज़),UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप से जुड़े मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार यदि पति-पत्नी जिंदा हैं तो तलाक और नहीं हुआ है, तो दोनों में से कोई भी दूसरी शादी नहीं कर सकता।
कोर्ट ने अपने फैसले में ये साफ किया है कि कानून के खिलाफ रिश्तों को अदालत का समर्थन नहीं मिला। हाईकोर्च ने इसी बात के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली विवाहिता की याचिका को खारिज किया। अदालत ने अर्जी खारिज करने के साथ ही याचिकाकर्ताओं पर 2 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
जस्टिस रेनू अग्रवाल ने कासगंज की एक शादीशुदा और बाकी की याचिका खारिज कर दिया। कोर्ट का कहना है कि शादीशुदा स्त्री अपने पति को तलाक दिए बिना किसी और के साथ लिव इन में नहीं रह सकती।
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ऐसे मामलों को मान्यता देने से समाज में अराजकता बढ़ेगी और देश का सामाजिक ताना-बाना तहस नहस हो सकता है। ये याचिका शदीशुदा और लिव इन रिलेशनशिप में उसके साथ रहने वाले प्रेमी ने सुरक्षा की मांग को लेकर हाईकोर्ट दाखिल हुई थी। जिसमें कहा गया था कि दोनों याची लिव इन पार्टनर हैं।
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