होम / यूपी के सभी सरकारी अस्पतालों के लिए योगी सरकार का फरमान, हिन्दी के साथ उर्दू भी जरूरी

यूपी के सभी सरकारी अस्पतालों के लिए योगी सरकार का फरमान, हिन्दी के साथ उर्दू भी जरूरी

• LAST UPDATED : September 9, 2022

लखनऊ, इंडिया न्यूज यूपी/यूके: योगा सरकार की तरफ से शुक्रवार को एक बड़ा आदेश जारी किया गया है। यूपी के सभी सरकारी अस्पतालों के नाम हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखा जाएगा। योगी सरकार की ओर से जारी आदेश में साफ किया गया है कि प्रदेश में अब हिंदी के साथ उर्दू में भी अस्पतालों के नाम लिखे जाएंगे। सभी जिला अस्पतालों और सीएचसी- पीएचसी के भवनों के नाम हिंदी के साथ उर्दू में भी होंगे।

स्वास्थ्य निदेशक की ओर से इस संबंध में सभी सीएमओ को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सरकार की ओर से जारी आदेश में भवनों के नाम के साथ-साथ चिकित्सकों और कर्मचारियों के नाम और पदनाम भी हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखने के निर्देश दिए गए हैं। योगी सरकार के इस आदेश को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बड़े राजनीतिक फैसले के रूप में देखा जा रहा है।

आदेश में लिखी ये बात
योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, जिला हॉस्पिटल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के भवनों के नाम उर्दू में लिखवाए जाएं। यूपी सरकार में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निदेशक की ओर से प्रदेश के सभी जिलों के सीएमओ को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। संयुक्त निदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम, पदनाम भी उर्दू में लिखे जाएं। प्रदेश की द्वितीय राजभाषा उर्दू है। इसको लेकर यह आदेश शासन की ओर से जारी का गया है।

हारून की शिकायत पर हुई कार्रवाई
उन्नाव निवासी मोहम्मद हारून ने सरकार से शिकायत की थी कि द्वितीय राजभाषा उर्दू में जिला अस्पालों और स्वास्थ्य अधिकारी एवं कर्मचारियों के नाम क्यों नहीं लिखे जा रहे हैं। हारून की शिकायत पर सरकार की ओर से कराई गई जांच में मामले को सही पाया गया। इसके बाद सरकार की ओर से द्वितीय राजभाषा उर्दू में भी अस्पताल, अधिकारी और कर्मियों के नाम उर्दू में लिखे जाने संबंधी आदेश जारी किया गया है। सरकार के आदेश के बाद अब इस संबंध में कार्रवाई शुरू होने की बात कही जा रही है।

हारून ने शिकायत में लिखी थी ये बात
मोहम्मद हारून ने अपनी शिकायत में कहा था कि उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई है। सरकार की ओर से इसका आधिकारिक ऐलान भी किया गया है। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के कई महकमों में इस आदेश को लागू नहीं किया गया है। उन्होंने योगी सरकार से इसे लागू कराने का अनुरोध किया।

सरकार के आदेश के बाद प्रदेश के 167 जिला अस्पतालों के नाम से संबंधित बोर्ड में बदलाव किया जाएगा। इसके अलावा 2934 पीएचसी और 873 सीएचसी के नाम भी हिंदी के साथ उर्दू में लिखे जाएंगे। यूपी में राजभाषा संशोधन एक्ट 1989 के माध्यम से उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा की मान्यता दी गई है। इसे यूपी राजभाषा अधिनियम 1951 में धारा 3 के जरिए जोड़ा गया।

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox