India News UP (इंडिया न्यूज़), UP News: गंगा नदी में बढ़ता प्रदूषण नदी में रहने वाले जीवों के लिए खतरा बन गया है। बढ़ते प्रदूषण की वजह से ऑक्सीजन का लेवल कम हो रहा है, काशी के कुछ घाटों पर इसकी जांच प्रक्रिया की गई, जहां ऑक्सीजन का स्तर निम्न स्तर पर है।
उत्तर भारत में भीषण गर्मी का कहर जारी है। इस भीषण गर्मी और गंगा नदी के गिरते जलस्तर के कारण जलीय जीवों का जीवन खतरे में है। पानी में लगातार ऑक्सीजन की कमी के कारण पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने से तलहटी में रहने वाले जीवों का जीवन खतरे में है।
उत्तर प्रदेश के काशी हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक अध्ययन के अनुसार कानपुर और कन्नौज तक गंगा का ऑक्सीजन स्तर काफी कम हो गया है। जिसके कारण गंगा की तलहटी में रहने वाले जीवों का जीवित रहना काफी मुश्किल हो गया है।
वाराणसी में अस्सी घाट के सामने सतह से 300 मीटर नीचे गंगा तल में ऑक्सीजन का स्तर 3 मिलीग्राम/लीटर से भी कम पाया गया, जो ऑक्सीजन के मानक स्तर से भी कम है। कानपुर में इसकी स्थिति और भी दयनीय है, जहाँ यह कानपुर और कन्नौज के स्तर से 600 मीटर नीचे है। सामान्य तौर पर ऑक्सीजन का जल स्तर 5 से 6 मिलीग्राम/लीटर होना चाहिए।
गंगा के घटते जलस्तर का कारण सीवेज और ड्रेनेज सिस्टम है। इस सिस्टम की वजह से पानी में कार्बन और प्रदूषण आसानी से घुल जाता है। बढ़ते प्रदूषण की वजह से गंगा नदी की शुद्धता खत्म हो रही है और ऑक्सीजन का स्तर घट रहा है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से जलीय जीव मर रहे हैं। गंगा का साफ पानी लगातार प्रदूषित हो रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में बहने वाली नदियों के पानी का लोग सीधे अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब ऐसा करना उनकी जान के लिए खतरा है क्योंकि गंगा का पानी अब पहले जैसा साफ नहीं रहा।