India News (इंडिया न्यूज़), UP News: उत्तर प्रददश में नक्सलवाद के बाद फिर से अपनी जड़ें अर्बन नक्सलिज्म के माध्यम से मजबूत करने की फिराक में है। इसका खुलासा तब हुआ जब एनआईए ने मंगलवार को माओवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश में जुटे नक्सलियों के मददगारों के 8 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान एनआईए की टीम ने अलग-अलग ठिकानों से कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि NIA माओवादी मामले के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, आज़मगढ़ और देवरिया जिलों में आठ स्थानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान एनआइए को इन ठिकानों से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क, नक्सली साहित्य, किताबें व पर्चे, पॉकेट डायरी और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों सहित डिजिटल उपकरण जब्त किए गए है।
जांच से पता चलता है कि कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से कैडरों को प्रेरित करने, भर्ती करने और सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार करने का काम सौंपा गया है। ये जानकारी सामने आने के बाद जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए है। दरअसल उत्तर प्रदेश में पिछले कई सालों से नक्सलवाद की कोई खबरें ना आने से ये माना जा रहा था कि यूपी में नक्सली अब अपनी जड़ें खो चुके है, लेकिन बीते महीने यूपी एटीएस की रेड में बलिया से एक महिला समेत पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया तो जांच एजेंसियां चौकन्नी हो गईं।
उसी के आधार पर मंगलवार को प्रयागराज के 4, वाराणसी, चंदौली, देवरिया और आजमगढ़ के एक-एक ठिकाने पर छापेमारी की गई। वाराणसी के महामानपुरी कॉलोनी स्थित एक घर में एनआईए ने छापा मारकर बीएचयू की दो छात्राओं से आठ घंटे नक्सल गतिविधियों के संबंध में पूछताछ की।
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