India News (इंडिया न्यूज), UP News: इस्लाम की खातिर अपना सर कटाने वाले इमाम हुसैन को यूँ तो सारी दुनिया में अपने-अपने तरीके से याद किया जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद के क़स्बा चरखारी में मुहर्रम कि सातवी को इमाम हुसैन कि दुलदुल सवारी पाक घोडा पिछले 167 सालों से निकाला जा रहा है ।
हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक इमाम की सवारी से सभी धर्मों के लोगों का खासा लगाव है। ऐसी मान्यता है कि इमाम हुसैन का घोडा जिस श्रद्धालू का प्रसाद खा लेता है उसकी मुराद पूरी हो जाती है और अकीदतमंद चांदी का नीबू सवारी में चढ़ाता है। यहां उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से 70 हजार से अधिक कि भीड़ इमाम हुसैन की सवारी का दीदार करने आती है। एडीएम और एएसपी ने घोड़ें को जलेबी खिलाकर जुलूस का शुभारंभ किया।
इस्लाम के पैगम्बर मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और हुसैन ने सच्चाई और अपनी उम्मत के लिए अपनी जान कि परवाह नहीं कि और इमाम हुसैन कर्बला के मैदान में शहीद हो गए। उनकी इस शहादत को इस्लाम के लोग ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग मुहर्रम को याद करते है। चरखारी में पिछले 167 सालों से इमाम हुसैन को याद करने के लिए इमाम की सवारी दुलदुल निकाली जाती है। माना जाता है कि इमाम हुसैन दुलदुल नाम के अपने इसी घोड़े पर बैठकर कर्बला के मैदान में यजीदी फौज से अपनी उम्मत और सच्चाई के लिए जंग करने गए थे और नमाज के वक्त सजदे में सर कटाकर अपने आप को दीन इस्लाम की खातिर कुर्बान कर दिया था।
इसी याद को ताजा करने के लिए इस गम के माहौल में इमाम की सवारी निकालने की परंपरा है जिसकी शुरुआत चरखारी स्टेट के राजा मलखान जू देव के समय हुई थी। ये सवारी चरखारी कसबे के मुकेरीपुरा मुहाल से दुलदुल सजाकर निकाली गई। कसबे के विभिन्न इमाम चौकों पर पहुँच कर हाजरी दी गई। वर्षों से इसी श्रद्धा के साथ इमाम कि सवारी निकलती है जिसमें मुरादे करने जनपद के ही नहीं बल्कि नजदीकी प्रदेश से भी अकीदतमंद अपनी मन्नते लेकर इमाम कि सवारी पर हाजरी देते है और पाक घोड़े को जलेबी खिलाकर प्रसाद चढ़ाते है।
एडीएम रामप्रकाश और एएसपी सत्यम ने हुसैन की सवारी घोड़ा को जलेबी खिलाकर माला पहनाकर जुलूस को रवाना किया जो सुबह 5 बजे तक कस्बे में निर्धारित स्थानों में घूमता रहा। इस मौके पर एडीएम रामप्रकाश ने कहा कि सच्चाई के रास्ते पर हुसैन ने अपने आप को कुर्बान कर दिया सत्य के लिए सब कुछ लुटा दिया उनकी इस सीख को सभी को जीवन मे उतारना है। यह जुलूस चरखारी की परंपरा है जिसे 167 साल हो गए है ये गंगा जमुनी तहजीब का जीता जागता उदाहरण है और उम्मीद है कि हमेशा ये परंपरा शान ओ शौकत के साथ जीवित रहे। वहीं एएसपी सत्यम ने बताया कि इस जुलूस का लोग इन्तेजार करते है और आकार मन्नते मागंते है परंपरा के अनुसार मैं और एडीएम ने आकर जुलूस के शुभारंभ किया है साथ ही सुरक्षा के वृहद इंतेजाम किये गए है।
बताया जाता है कि इमाम की इस सवारी से जो श्रद्धालू मन्नत करता है उसे अपनी मन्नत के लिए घोड़े के शरीर में लगे तीरों में नीबू लगाने का रिवाज है और जब श्रद्धालू कि मन्नत पूरी हो जाती है तो श्रद्धालू अगले साल इसी नींबू कि जगह चांदी और सोने का नींबू अपनी श्रद्धा के अनुसार इमाम कि सवारी में चढ़ाता है। यहाँ सोने के दूकानदार हिन्दू मुस्लिम एकता कि मिसाल पेश करते हुए इमाम कि सवारी में लगने वाले चांदी के नीबू कि बिक्री के लिए पूरा सहयोग करते है। घोड़ें को ख़िलाई जाने वाली जलेबी बेंच रहे छोटेलाल ने बताया कि वो हर साल जलेबी की दुकान लगाता है और इन त्यौहार का इंतेजार रहता है। यहां हिन्दू मुसलमान में कोई विवाद नही। 35 वर्ष में वो कई बार खुद मन्नत कर चुका है और उसने भी पुत्र की चाह में नीबू चढ़ाकर मन्नत की थी जो पूरी हो गई उसकी इमाम की सवारी में श्रद्धा है।
जुलूस में चांदी सोने के नीबू की दुकान लगाए हरिशंकर बताते है कि इमाम की सवारी से सभी की मान्यताएं पूरी होती है यहां धर्म मे भेदभाव नही होता है। संतान, पत्नी, रोजगार, पारिवारिक मनोकामना के लिए नीबू दुलदुल घोड़ें में लगे तीरों में लगाकर मुराद माँगी जाती है जिसके पूरा होने पर चांदी या सोने का नीबू चढ़ाने की परंपरा है जिससे बड़ी संख्या में उसके चांदी के नीबू बिक जाते है और वो खुद आस्था रखकर नीबू चढ़ाता और मन्नत मांगता है उसकी इमाम हसन हुसैन पर श्रद्धा है।
लोगों का मानना है कि आने वाले अकीदतमंद सवारी में चांदी का नीबू चढ़ाने के लिए यहाँ आकर नींबू खरीदते है। हजरत इमाम हुसैन की इस सवारी में हिन्दू भाइयों द्वारा लंगड़ का इंतेजाम भी किया जाता है। जिसे यहाँ आने वाले लोग प्रसाद के रूप में खाते है। लोगों कि मान्यता है कि इमाम के घोड़े को जलेबी प्रसाद के रूप में खिलाने से उनकी सारी मन्नते पूरी हो जाती है। शायद यही वजह है कि यहाँ जलेबी की दुकाने बड़ी तादाद में लगती है
आने वाले लोग इमाम कि सवारी को अपना- अपना प्रसाद अपने हाथों से सवारी को खिलाने के लिए लोगों का हुजूम सवारी को घेर लेता है। जिस श्रद्धालू का पाक घोडा प्रसाद खाता है मानो उसका यहाँ आना ही सफल हो गया। प्रशासन भी इस जुलूस में शामिल होने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पूरी मसक्कत से लगी रहती है। बताया जाता है कि बुंदेलखंड के सभी जिलों के आलावा मध्य प्रदेश और दिल्ली से श्रद्धालू यहाँ आते है।
Also read:
India News UP (इंडिया न्यूज़), CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा…
India News UP (इंडिया न्यूज़), UP News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक चौंकाने…
India News UP (इंडिया न्यूज़), Lucknow Rape Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक…
India News UP (इंडिया न्यूज़), Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी के 99…
India News UP (इंडिया न्यूज़), Bahraich News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का…
India News UP (इंडिया न्यूज़), Doctors Strike: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित बनारस हिंदू…