वाराणसी: पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र बाढ़ की बाढ़ की चपेट में आ गया है। गंगा जी वॉर्निंग पॉइंट को पार कर चुकी गंगा अब डेंजर लेवल की ओर बढ़ रही हैं। जलस्तर लगातार प्रति घंटे तीन सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। वहीं, गंगा में आई बाढ़ के चलते वरुणा नदी भी उफनाई हुई है और उसके दोनों किनारों पर रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर लिए हैं। इस तरह से गंगा और वरुणा की बाढ़ से 20 से ज्यादा कॉलोनियों और 150 गांवों के लोग प्रभावित हुए हैं। प्रधानमंत्री लगातार अधिकारियों से बातचीत कर बाढ़ प्रभावित इलाकों का हाल जा रहे हैं।
वॉर्निंग पॉइंट को पार कर डेंजर लेवल की ओर बढ़ी गंगा
बता दें कि केंद्रीय जल आयोग की शुक्रवार दोपहर 12 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा अपने वॉर्निंग पॉइंट यानी 70.26 मीटर से 68 सेंटीमीटर ऊपर 70.96 मीटर पर बह रही थी। गंगा का यह जलस्तर डेंजर लेवल यानी 71.26 मीटर से मात्र 32 सेंटीमीटर ही कम है।
पीएम मोदी ने फोन पर जाना हाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमिश्नर दीपक अग्रवाल को फोन कर वाराणसी के बाढ़ प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि किसी भी प्रकार की आकस्मिक आवश्यकता हो तो सीधे उन्हें बताया जाए। वहीं गंगा में आई बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने 40 बाढ़ राहत शिविर चिह्नित किए हैं। इनमें से 11 बाढ़ राहत शिविर एक्टिव मोड में हैं। इन राहत शिविरों में अब तक 1290 लोगों को ठहराया गया है। प्रत्येक बाढ़ राहत शिविर पर उप जिलाधिकरी, अपर नगर मजिस्ट्रेट, तहसीलदार और नायब तहसीलदार को नोडल अफसर बनाया गया है।
बाढ़ की चपेट में आए 5000 से ज्यादा लोग
गंगा में आई बाढ़ के चलते नाविकों, तीर्थ पुरोहितों, फूल-मालाएं बेचने वालों, नाई, टूरिस्ट गाइड और चाय-नाश्ता से लेकर अन्य तरह की दुकानों के संचालकों का कामकाज ठप पड़ गया है। एक अनुमान के अनुसार गंगा और वरुणा में आई बाढ़ के कारण रोजाना कमाने-खाने वाले 5000 से ज्यादा लोगों की रोजी-रोटी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इसी तरह से मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के काम में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मणिकर्णिका घाट पर ऊंचे प्लेटफार्म पर और हरिश्चंद्र घाट पर गली में शवों की अंत्येष्टि की जा रही है।
जारी किए गए हेल्पलाइम नंबर
वॉर्निंग लेवल से ऊपर बह रही गंगा का पानी अब सामने घाट, नगवां, अस्सी और दशाश्वमेध घाट से शहर में अंदर की ओर प्रवेश कर रहा है। जो लोग राहत शिविरों में नहीं गए हैं वह अपने परिचितों के यहां या फिर अपने घर के फर्स्ट फ्लोर पर खुद को सुरक्षित किए हुए हैं। वहीं, राजातालाब, रोहनिया, चौबेपुर क्षेत्र के गांवों के गंगा किनारे की फसल बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गई है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आरके सिंह ने कहा है कि पशुओं से संबंधित कोई भी समस्या हो तो 0542-2989433 या 9648236332 नंबर पर कॉल करें।