टीचर की गोली मारकर हत्या
रमेश बाबू शुक्ला हत्याकांड मामले में पाकिस्तान के दो आतंकवादियों को सजा सुनाई गई। 2016 में एक टीचर की हाथ में कलावा और माथे पर तिलक की पहचान देख कर आतंकियों ने हत्या कर दी थी। पाकिस्तान में बैठे आतंकियों ने इस हत्या की साजिश रची थी। भारत में ISIS की जिहादी सोच और यहां डर का माहौल बनाने के लिए टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इस मामले में कोर्ट ने दोनों आतंकियों से जूड़ी बातें सामने आई है, उससे ये पता लगा कि किस तरह पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका देश में साजिश रचते है। देश के युवाओं को बरगला कर बन्दूक उठाने के लिए विवश करते है। टीचर रमेश बाबू हत्याकांड में ऐसी आतंकी साजिश के तार निकलकर सामने आाए है। आतंकियों का ग्रुप पाकिस्तान आतंकियों से ऑनलाइन ट्रेनिंग लेता था।
पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से लेते थे ऑनलाइन ट्रेनिंग
जाजमऊ के रहने वाले दोनों आतंकी आसिफ और मो. फैसल का साथी सैफुल्लाह सात मार्च, 2017 को लखनऊ के ठाकुरगंज में मुठभेड़ में मारा गया था। उस समय 12 घंटे चली मुठभेड़ में आईजी असीम अरुण एटीएस का नेतृत्व कर रहे थे। आतंकियों को सजा सुनाए जाने के बाद पूर्व आईपीएस और वर्तमान में राज्य मंत्री असीम अरुण ने कहा कि आतंकियों का गिरोह पाकिस्तान में बैठे अपने आतंकियों से ऑनलाइन ट्रेनिंग लेता था। इसके बाद ये लोग गोली और बम विस्फोट के फोटो और वीडियो को पाकिस्तान भेजते थे।
क्या किसी काफिर की हत्या कर सकते हो
जाजमऊ के आतंकियों ने पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को फोन कर जानकारी दी कि उन्हें बन्दूक से गोली और बम चलाना आ गया है, तो पाकिस्तान से जवाब आया कि क्या तुम किसी काफिर को मार सकते हो। इसके बाद इन आतंकियों ने गैर मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति की हत्या की साजिश की।
इस दौरान, प्रधानाचार्य रमेश बाबू के माथे पर टीका और हाथों में कलावा देखा तो उन्हें गैर मुस्लिम व्यक्ति होने का विश्वास हो गया। पहले उनका नाम पूछा और जैसे ही उनको पता चला कि वह ब्राह्मण हैं आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी।