India News (इंडिया न्यूज), UP Weather: देश सहित उत्तर प्रदेश में भी एक बार फिर बारिश का सिलसिला जारी है। लेकिन इस बार मौसम अजीब ढंग से खिलवाड़ कर रहा है। कहीं प्रदेश के कुछ जिलों में सूखे की मार पड़ी हुई है तो कहीं नदियां उफान पर है। जिसके चलते बाढ़ से हाहाकार की स्थिति बनी हुई है। वहीं, मौसम विभाग की मानें तो इस सप्ताह बारिश होगी। ऐसे में इस बार लोग बाढ़ और सूखे दोनों से ही जूझ रहे हैं।
गंगा का जल स्तर 12 साल का रिकार्ड तोड़ने के बाद अब स्थिर
इसके साथ ही बदायूं में गंगा का जल स्तर 12 साल का रिकार्ड तोड़ने के बाद अब स्थिर है। लखीमपुर खीरी में शारदा में पानी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वहीं अगर बात करें एनसीआर क्षेत्र की तो यमुना में खूब पानी है और तटीय गांवों में बाढ़ के हालात बनें हुए हैं। साथ ही बहराइच में सरयू में उतार-चढ़ाव जारी हैं जिससे बाढ़ का खतरा बना है। सरयू लगातार खतरे के निशान 106.070 मीटर को लांघ गई थी और दो सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। अब यह एक सेंटीमीटर नीचे बह रही है।
गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना
मौसम विभाग ने आज पश्चिमी यूपी में लगभग सभी स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना जाहिर की है। वहीं पूर्वी यूपी में कुछ स्थान पर ही गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। इसके बावजूद भी नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण घाघरा और सरयू नदी पूरे उफान पर है। प्रशासन के अधिकारी संभावित बाढ़ को लेकर पूरी तैयारी में जुट गए। बाढ़ से लोगों को जागरूक करने के लिए आज पूर्वाभ्यास कराया जाएगा।
IMD ने बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों पर खासतौर से पक्के मकानों में आश्रय ले। जर्जर मकानों में ना रहे। बारिश के दौरान पेड़ के नीचे बिजली के तार खंभों ऊंचे स्थान पर ना रहे। चार पहिया वाहन से यात्रा कर रहे हैं, तो खुले आसमान के नीचे गाड़ी का शीशा लाक कर बारिश होने तक खड़े हो जाएं।
तराई में कम हुई बरसात फिर भी राप्ती उफनाई
बता दें कि श्रावस्ती के तराई क्षेत्र में इस साल औसतन 485 एमएल के सापेक्ष अब तक मात्र 220.1 एमएल ही बरसात हुई है जो औसत से करीब 53 प्रतिशत कम है। इसका सबसे ज्यादा असिंचित सिरसिया क्षेत्र प्रभाव पड़ा है। वहीं नेपाल सहित पहाड़ों पर होने वाली बरसात के कारण अब तक दो बार राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर से ऊपर जा चुका है। इससे जहां भिनगा मल्हीपुर मार्ग कट गया।