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इंडिया न्यूज, रायबरेली (Uttar Pradesh)। रायबरेली जिले से आई एक तस्वीर ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग और सुविधाओं की पोल खोल दी है। मंगलवार को यहां एक महिला अपने बीमार पति को ठेले वाले रिक्शे पर बैठाकर अस्पताल पहुंची। महिला से पूछा गया कि उसे एंबुलेंस नहीं मिली क्या, तो उसने कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है। हम गरीब है, एंबुलेंस कहां मिलेगी। जब इसका वीडियो सामने आया तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उसके पति का इलाज कराया।
एक्सीडेंट में घायल हो गया था पति
स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने जब से कुर्सी संभाली है, वे एक्शन में हैं। वे लगातार अस्पतालों का जायजा ले रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं न तो बढ़ रही हैं न ही अधिकारी सुधर रहे हैं। मंगलवार की देर शाम जिला अस्पताल में अपने घायल पति और बच्चों को हाथ रिक्शे पर लेटाकर लाई हुई मटिहा गांव निवासी पीड़िता ने कहा। पीड़िता ने बताया कि कुछ दिन पहले उसके पति रामू का एक्सीडेंट हो गया था। आस-पास के लोगों ने दुर्घटना करने वाली गाड़ी को पकड़ कर सवार व्यक्ति से इलाज के लिए पैसा भी रामू को दिलाया, लेकिन पैसा रामू के पिता ने ले लिया और उसे घर लेकर चले गए
पिछले तीन दिनों से न तो उसके पति के पास दवा है और न ही उसे कुछ खाने को दिया गया और घर से भी भगा दिया गया है। अब वह इधर-उधर किसी तरह गुजर बसर अपने परिवार के साथ रह रही है। वह उसे दवा दिलाने के लिए अस्पताल उसी रिक्शे से लेकर आई, जिसे चलाकर उसका पति अपने परिवार का पेट भरता था। जब उससे पूछा गया कि उसे एंबुलेंस नहीं मिली क्या तो उसने कहा कि हम गरीब और पैसा नहीं तो हमें एंबुलेंस कहा मिलेगी। इमरजेंसी में जब उसने पति को दवा देने की बात कही तो वहां मौजूद चिकित्सक ने कहा कि यहां सिर्फ सुई लगाई जाती है। दवा नहीं मिलती, ये सुनते ही वो मायूस हो गई।
परिवार की हो रही पूरी मदद
रायबरेली सिटी मजिस्ट्रेट पल्लवी मिश्रा ने बताया की महिला रिक्शे से लेकर अपने पति को अस्पताल पहुंची थी। कुछ लोगों ने प्रशासन को जानकारी दी तो हम लोग मौके पर जिला अस्पताल पहुंचे हैं। परिवार की पूरी मदद की जा रही है। साथ ही अस्पताल में इलाज भी पूरी तरह से कराया जाएगा।
देखिए वायरल वीडियो
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