Uttar Pradesh
इंडिया न्यूज, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)। उत्तर प्रदेश की 69000 शिक्षक भर्ती को सबसे विवादित भर्ती रही है। एक प्रश्न को लेकर खड़े हुए विवाद की गुत्थी अब सुलझ सकती है। वहीं एक नंबर से रह गए अभ्यार्थियतों को रहत मिल सकती है। इन अभ्यर्थियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी रहत दे दी है।
क्या था मामला ?
आपको बता दें कि 2019 में 6 जनवरी को 69000 शिक्षक भर्ती की परीक्षा कराई गई थी। इसके प्रश्न पत्र में एक प्रश्न था। प्रश्न के चार विकल्प दिए गए थे। बोर्ड के द्वारा तीसरे विकल्प को सही माना गया था। मगर अभ्यर्थियों के अनुसार एक प्रश्न के चारों विकल्प गलत थे। इसी प्रश्न को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 25 अगस्त 2021 चारों उत्तरों को गलत मान लिया था। साथ ही एक नंबर से फेल हुए अभ्यर्थियों को पुनर्मूल्यांकन कर नियुक्ति देने के आदेश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट में गई थी सरकार
हाई कोर्ट के आदेश से नाखुश सरकार सुप्रीम कोर्ट भी गई थी मगर वहां भी सरकार की अपील को 9 नमबर 2022 को ख़ारिज कर दिया। वहीं अब इलाहबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में एक बार फिर हस्तक्षेप किया है।
2 महीने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में दोबारा हस्तक्षेप कर दिया है। हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को अपने दिए आदेश का अनुपालन करने के लिए उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को दो महीने का अतिरिक्त समय दिया है। आदेश के अंतर्गत अब अगली सुनवाई 9 फरवरी 2023 को होगी।
गौरतलब है कि 69000 शिक्षक भर्ती की परीक्षा में करीब 1000 अभ्यर्थी 1 नंबर से रह गए थे। वहीं अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन 1000 अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिल सकती है।
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