इंडिया न्यूज, देहरादून (Uttarakhand) । पिछले 4 सालों से उच्च शिक्षा विभाग में निदेशकों का कार्यकाल बहुत काम हो रहा है। ऐसा होने से विभाग के कामकाज पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। अब इसको लेकर सरकार की ओर से नयी योजना पर विचार किया गया है।
बहुत कम कार्यकाल के लिए बन रहे निदेशक
विभाग के अफसरों की शिकायत है कि पिछले चार सालों से निवेशकों का बहुत काम कार्यकाल रह रहा है। ऐसा होने से विभाग का काम भी सही से नहीं हो प् रहा। अफसरों की शिकायत है कि निदेशक पदभार ग्रहण करने के बाद विभाग के बारे में इससे पहले कुछ समझ पाएं, उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि नजदीक आ जाती है। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में निदेशक का कार्यकाल 11 दिन तो कभी 30-30 दिन रहा है। यहां तक कि कोई तोह 2 दिन में ही चला गया। पिछले चार साल के आंकड़ों के अनुसार औसतन 4 महीनों में निदेशक बदल दिए जाते हैं। इससे कार्य में भी तेजी नहीं आ रही है।
रेटिरेमेंट के करीब होने पर नहीं बनेंगे निदेशक
विभाग के अफसरों की शिकायत पर विचार करने के बाद सरकार ने नई योजना तैयार की है। इस योजना के अंतर्गत रेटिरेमेंट के करीब होने पर व्यक्ति को निदेशक नहीं नियुक्त किया जाएगा। यानी कि जिसकी रिटायरमेंट की अवधि कम से कम एक साल बची हो उसी की नियुक्ति निदेशक पद पर होगी। इस पर सभी का सुझाव आने के बाद निर्णय सुना दिया जाएगा।