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Uttarakhand: निशंक के रचना संसार ने रचा इतिहास, पूर्व मंत्री रमेश पोखरियाल का नाम ‘हार्वर्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज

• LAST UPDATED : October 13, 2022

Uttarakhand

इंडिया न्यूज, देहरादून (Uttarakhand) । पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हुई है। उनका नाम हार्वर्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। हिमालय विरासत न्यास और स्याही ब्लू बुक्स की तरफ से पिछले साल शुरू की गई ऑनलाइन श्रृंखला के 75 एपिसोड पूरा होने पर उन्हें यह उपलब्धि मिली है। इस खास अवसर पर ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम में दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार होगा। इसमें 400 से अधिक साहित्यकार, समीक्षक और शिक्षाविद् हिस्सा ले रहे हैं।

निशंक को मिलेगी PHD की उपाधि

सेमिनार में डॉ. निशंक को ‘हारवर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड’ लंदन के प्रतिनिधि द्वारा विश्व कीर्तिमान का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इस अवसर पर उत्कृष्ट साहित्यिक उपलब्धियों के लिए महर्षि यूरोपियन रिसर्च यूनिवर्सिटी नीदरलैंड द्वारा डॉ. निशंक को मानद पीएचडी दी जाएगी।

16 फरवरी से लगातार चल रही ऑनलाइन संगोष्ठी

16 फरवरी 2022 से डॉ. निशंक के साहित्य पर हिमालय विरासत न्यास उत्तराखण्ड एवं स्याही ब्लू बुक्स नई दिल्ली के द्वारा हर रविवार को शाम 4 से 5 बजे ‘डॉ. निशंक का रचना संसार’ नाम से ऑनलाइन संगोष्ठी आयोजित की जाती रही है। 50 एपिसोड पूरा होने पर ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में डॉक्टर निशंक का नाम दर्ज किया गया था। डॉ. निशंक विश्व के ऐसे पहले साहित्यकार बन गए हैं, जिनके साहित्य पर लगातार बिना रूके सबसे लम्बी साहित्यिक चर्चा हुई है।

400 से ज्यादा साहित्यकार जुटेंगे

रचना संसार की हीरक जयन्ती ऋषिकेश के परामार्थ निकेतन आश्रम में दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार के रूप में मनाई जा रही है। अपनी तरह के इस साहित्यिक कुंभ में देश और विदेशों के 400 से अधिक साहित्यकार आ रहे हैं, जो डॉ. निशंक के साहित्य पर चर्चा करेंगे। इंटरनेशनल सेमिनार का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 16 अक्टूबर 2022 को करेंगे, जबकि 17 अक्टूबर 2022 को प्रदेश के राज्यपाल गुरुमीत सिंह और विधान सभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी भूषण करेंगगी।

संगोष्ठी में दो दर्जन से अधिक देशों के साहित्यकार और हिन्दी सेवी भी जुड़ेंगे। हिमालय विरासत न्यास की अध्यक्ष आश्ना नेगी और संगोष्ठी के संरक्षक डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा ‘अरुण’ ने बताया कि इस साहित्यिक महाकुंभ में देश के लगभग सभी राज्यों के हिन्दी सेवी, समीक्षक और शिक्षाविदों के अतिरिक्त अनेकों विश्वविद्यालयों के कुलपति और उप कुलपति शिरकत करेंगे। प्रेस वार्ता में डॉ. राजेश नैथानी, डॉ. सुप्रिया रतूड़ी भी उपस्थित थे।

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