Uttarakhand News: उत्तराखंड के नैनीताल शहर में विकास, संरक्षण और भावी मास्टर प्लान में बलियानाला सबसे ज्यादा संवेदनशील मुद्दा रहेगा। एक अध्ययन में पता चला है कि पहाड़ी पर हलचल हो रही है। इस स्थिती में पहाड़ी क्षेत्रों पर भूस्खलन की समस्या बनी रहनें की संभावना है।
अध्ययन के अनुसार भविष्य में बलियानाला का भूस्खलन नैनितल शहर के अस्तित्व के लिए सकट बन सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो पहाड़ी का जल्द ट्रीटमेंट बेहद जरूरी है। एडीबी वित्त पोषण से क्लाइमेट रेसिलियेंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट फार नैनीताल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसमें नैनीताल की भावी जरूरतों, समस्याओं और समाधानों का अध्ययन कर मास्टर प्लान तैयार किया जाना है। जिससे 20 वर्ष बाद शहर आने वाली चुनौतियों से निपटा जा सके।
प्रोजेक्ट की डेवलपमेंट टीम के अनुसार आलूखेत क्षेत्र में लिडार स्केनर स्थापित कर बलियानाला पहाड़ी का अध्ययन किया। टीम विशेषज्ञों ने बताया कि 2 दिनों तक स्कैनर से हर आधे घंटे में पहाड़ी का स्कैन लिया गया। जिसमें सामने आया कि पहाड़ी में हर पल हलचल हो रही है। बिना वर्षा के पहाड़ी से मिट्टी और धूल के कण गिर रहे हैं। वर्षस का पानी पहाड़ी से रिसाव हुआ तो भविष्य में यह एक बड़ा खतरा बन सकता है। एसी स्थिती में समय रहते निर्णय लेना बेहद जरुरी है।
विशेषज्ञों ने वाटर क्वालिटी, भूमिगत जल और अन्य पहलुओं का अध्ययन किया। विशेषज्ञ शफीक ने बताया कि पहाड़ी से भारी मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा है, जोकि भूमिगत जल प्रतीत हो रहा है। लगातार पानी के रिसाव से पहाड़ी कमजोर हो रही है, जिसका समय रहते प्रबंधन बेहद जरूरी है।
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