होम / UTTARAKHAND WINTER SESSION: शीतकालीन विधानसभा सत्र हुआ समाप्त, धर्मांतरण विरोधी और महिला आरक्षण का विधेयक हुआ पास 

UTTARAKHAND WINTER SESSION: शीतकालीन विधानसभा सत्र हुआ समाप्त, धर्मांतरण विरोधी और महिला आरक्षण का विधेयक हुआ पास 

• LAST UPDATED : December 1, 2022

UTTARAKHAND WINTER SESSION

इंडिया न्यूज़, उत्तराखंड (Uttarakhand)। उत्तराखंड की शीतकालीन विधानसभा सत्र कल ख़त्म हो चुकी है।  29 नवंबर को शुरू हुआ यह सदन 30 नवंबर तक चला। 2 दिन तक चले इस सदन में काफी राजनितिक तकरार देखने को मिली। तमाम विधायक और मंत्री इसमें शामिल हुए। विधायकों ने मंत्रियों को जमकर सवालों में घेरा तो वहीं पलट में मंत्रियों ने भी अपने तर्क रखते हुए सवालों के जवाब पेश किये। सदन ख़त्म होने के बाद सदन की अध्यक्षा ऋतु खंडूरी ने मिडिया से बात करते हुए विधानसभा के स्टॉफ को बधाई दी और कि कहा केवल 182 कर्मचारियों के साथ सदन अच्छे से चला। इस दो दिवसीय सदन की कार्यवाही कुल 13 घंटे 47 मिनट चली।

बड़े बिधेयकों पर लगी मुहर
उत्तराखंड के शीतकालीन सदन में कई बड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी। संपन्न हुए इस दो दिवसीय सदन में कुल 619 प्रश्न रखे गए। सदन में पहले दिन 10 विधेयक आये थे वहीं दूसरे दिन कुल 6 विधेयक रखे गए। इन विधेयकों में से काईन विधेयकों पर मुहर भी लगाई गई। मुहर लगाए गए मुद्दों में बंगाल, आगरा और असम सिविल न्यायालय विधेयक, उत्तराखंड दुकान एवं स्थापन संशोधन विधेयक, पेट्रोलियम विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक, भारतीय स्टाम्प विधेयक, उत्तराखंड माल एवं सेवा कर विधेयक, उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध संशोधन विधेयक, उत्तराखंड जिला योजना समिति आदि शामिल हैं। दो दिवसीय शीतकालीन सदन में दो महत्वपूर्ण विधेयक पास किये गए, महिला क्षैतिज आरक्षण और धर्मांतरण विरोधी विधेयक।

धर्मांतरण विरोधी विधेयक
उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण के आ रहे मामलों को देखते हुए धर्मांतरण विरोधी विधेयक पारित किया गया है। बुधवार को उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक को पारित किया गया है। इसके अंतर्गत जबरन धर्मांतरण के दोषी को 10 साल की सजा का सख्त प्रावधान बनाया गया है। अपनी इच्छा से धर्मान्तरण किये गए व्यक्ति को जिलाधिकारी को 2 माह के भीतर अर्जी देनी होगी और अर्जी देने के बाद 21 दिन के भीतर उस व्यक्ति को जिलाधिकारी के सामने पेश होना होगा।

महिला क्षैतिज आरक्षण
मंगलवार को पेश किये गए इस विधेयक को बुधवार को पारित कर दिया गया। इस विधेयक के अंतर्गत महिलाओं को 30 प्रतिशत  क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। विधेयक के नियम के अनुसार इसका लाभ उन महिलाओं को मिलेगा जो उत्तराखंड की मूल निवासी होंगी। साथ ही उन्होंने ऊपर कहीं से अधिवास प्रमाण पत्र प्राप्त न किया हो। वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड का अधिवास पत्र ली महिला को यह आरक्षण मिलेगा बेशक उसका उत्तराखंड में मूल निवास न हो।

विधानसभा अध्यक्षा ऋतु खण्डूरी ने भी महिला क्षैतिज आरक्षण पारित होने की ख़ुशी जताई है। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि मेरी अध्यक्षता में महिला आरक्षण बिल पास हुआ, जिसकी लड़ाई 22 सालों से हम लोग लड़ रहे थे।

यह भी पढ़ें:  AMROHA BIKE ACCIDENT: देर रात पेड़ से टकराई तेज रफ़्तार बाइक, तीन दोस्तों की हुई मौत

Connect Us Facebook | Twitter

 

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox