Varanasi
इंडिया न्यूज, वाराणसी (Uttar Pradesh) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयुर्वेद संकाय के छात्रों का धरना सात दिनों से चल रहा है। गुरुवार को छात्रों ने हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर कैंपस में रैली निकाली। इसके बाद सेंट्रल ऑफिस का घेराव किया और दीक्षांत समारोह में शामिल होने की गुहार लगाई। छात्रों ने कहा कि सात दिन के भीतर यदि उनका नाम दीक्षांत समारोह में नहीं डाला गया तो सड़क पर आंदोलन करेंगे।
बता दें कि तीन साल बाद 10 दिसंबर को बीएचयू में दीक्षांत समारोह होगा। इस दौरान 2021-22 में पासआउट छात्रों को मेडल और डिग्री दोनों दी जाएगी। लेकिन इसके पहले के दो सत्रों के छात्रों को आमंत्रित नहीं किया गया है। केवल मेडल विजेताओं को ही बुलाया गया है।
ये बातें BHU के छात्रों ने कही। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया है कि दीक्षांत समारोह में भेदभाव किया जा रहा है। सत्र 2021-22 वाले छात्रों को मेडल और उपाधि दोनों ही दीक्षांत में बांटे जाएंगे। जबकि, साल 2019-20 और 2020-21 सत्र के केवल उन्ही छात्रों को शामिल किया गया है, जिन्हें मेडल मिलेगा। उन छात्रों को नहीं बुलाया जाएगा, जिन्हें उपाधि नहीं मिली है। छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, डिग्रियां छात्रों के घर पर भेजने की बात कही जा रही है।
छात्रों में शामिल विपुल सिंह ने कहा कि कुलपति को एक चिट्ठी भी दी जाएगी। इस लेटर पर विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों का हस्ताक्षर होगा। इसके अलावा सभी फैकल्टी के छात्र-छात्राओं को उस लेटर की प्रति और दीक्षांत समारोह के जिम्मेदार कमेटी को सौंपा जाएगा। फीस वृद्धि के खिलाफ BHU कैंपस में गहमा-गहमी शुरू हो गई है। कैंपस में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
सभी छात्र संगठन इस मुद्दे पर एक साथ आ गए हैं। ABVP, NSUI और AISA के सदस्यों ने बड़े आंदोलन की धमकी दी है। वहीं, जगह-जगह कागज और पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। 15 अक्टूबर से डीन ऑफ स्टूडेंट ऑफिस के बाहर अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत की जाएगी।
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