India News (इंडिया न्यूज),Varanasi News: वाराणसी के मणिकर्णिका घाट को सनातन संस्कृति में मोक्ष के तौर पर देखा जाता है। ऐसे में वहां पर आज सफाई अभियान चलाया गया। इसमे वहां के कई पुजारियों ने हिस्सा लिया। इसी के साथ घाट पर सबका साथ हो गंगा साफ हो का नारा गूंजा। बता दें कि काशी खंड के अनुसार गंगा अवतरण से पहले अस्तित्व वाले मणिकर्णिका तीर्थ व चक्र पुष्करणी कुंड पर नमामि गंगे ने गुरुवार को सफाई अभियान चलाया । भूगर्भ जल के दिव्य स्रोत कुंडों – सरोवरों के संरक्षण की कामना से चारों धाम के पुण्य का लाभ प्रदान करने वाले चक्र पुष्करणी कुंड की आरती उतारी ।
गंगा किनारे व चक्र पुष्करणी कुंड में श्रद्धालुओं द्वारा विसर्जित किए गए कपड़े व अन्य प्रदूषण कारक सामग्रियों को बाहर निकालकर कूड़ेदान तक पहुंचाया गया । जल संरचनाओं के रूप में हमें मिली समृद्धशाली धरोहरों को सहेजने के उद्देश्य से ‘ सबका साथ हो – गंगा साफ हो ‘ का संदेश दिया गया । नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि मणिकर्णिका तीर्थ और चक्र पुष्करणी कुंड की महिमा पृथ्वी के सभी तीर्थों की तुलना में श्रेष्ठ है।
काशी खंडोंक्त में वर्णित यह क्षेत्र धार्मिक आस्था और पर्यटन का भी केंद्र बिंदु है इसलिए साफ सफाई बहुत जरूरी है । कहा कि शवदाह करने आए लोगों से भी तीर्थ की स्वच्छता बनाने रखने की अपील है । बताया कि काशी खंड के अनुसार गंगा अवतरण से पहले इसका अस्तित्व है ।भगवान विष्णु ने भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए यहां हजारों वर्ष तपस्या की थी। भोलेनाथ और देवी पार्वती के स्नान के लिए उन्होंने कुंड को अपने सुदर्शन चक्र से स्थापित किया था।
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