India News (इंडिया न्यूज), Varanasi News: ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं कुछ संगठन इसके विरोध में हैं तो वहीं कुछ का कहना है कि इस फिल्म को देखना चाहिए। राजनेताओं ने भी इस फिल्म को लेकर अपनी बातों के रखा है। आज काशी के संतो ने भी इस फिल्म को लेकर अपनी बातों को रखा। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोगों को ये फिल्म देखनी चाहिए। राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने एक प्रेस वार्ता कर बताया कि, कहते हैं कि सिनेमा अपने युग धर्म का आईना होता है। फिल्म में सच्चाई दिखाने का काम किया गया है।
द केरल स्टोरी एक ऐसी फिल्म है जिसमें धर्म के आधार पर पूरे दुनिया में केरल से कैसे लड़ाके तैयार किए जाते थे इसमे इस बात का जिक्र किया गया है। यही एक कहानी है लेकिन अब तक तो लड़ाके तैयार किए जाते थे लेकिन अब लड़कियों का नहीं यानी कि महिलाओं का प्रवेश नहीं था। लेकिन आईएसआईएस के लिए केरल से 30 हजार लड़कियां गायब हुई और उसमें भर्ती हुई। उसमें तो शालिनी उन्न कृष्णन तो एक नाम है। अब जिहाद के रास्ते पर इस्लाम में मौलाना युवा या पुरुष शब्द था लेकिन अब उनकी महिलाएं भी इस भूमिका में है। इसलिए राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए यह बड़े खतरे का संकेत है। हमें सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा कि ‘हम प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हैं कि इस फ़िल्म को पूरे प्रदेश में टैक्स फ्री किया जाय और प्रदेश की लड़कियों को सरकार की तरफ से टिकट खरीदकर दिया जाय।’
फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ का मुस्लिम समुदाय के द्वारा विरोध किया जा रहा है साथ ही साथ राजनीति में भी फिल्म को लेकर हंगामा मचा हुआ है। बता दें कि फिल्म में केरल की 32 हजार महिलाओं के जबरन धर्मांतरण कराने और आईएसआईएस में शामिल कराने की कहानी दिखाई गई है। फिल्म में प्रदर्शित की गई इस कहानी को फर्जी बताते हुए समाज का एक तबका इसका विरोध कर रहा है। फिल्म में उन लड़कियों की कहानी है जो नर्स बनना चाहती थीं। लेकिन ISIS की आतंकी बन गई। कुछ लोग फिल्म को बैन करने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट जाने को कहा था। केरल हाईकोर्ट ने भी फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ (The Kerala Story) की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
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