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Kushinagar News : गंडक नदी के रौद्र रूप से ग्रामीण परेशान, आस-पास के गांव बाढ़ की ज़द में

• LAST UPDATED : August 22, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Manish Mishra, Kushinagar : नेपाल में हो रही लगातार बारिश से गंडक नदी इन दिनों उफान पर है जिसके कारण बांधो के किनारे बसे गावों के लोग नदी के इस रुप को देखकर काफी बैचैन और भयभीत नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों की यह बैचनी भी जायज़ है क्योंकि नेपाल से निकलने वाली नारायणी नदी जिसे भारत मे बड़ी गंडक नदी भी कहा जाता है। हर साल कुशीनगर में भारी तबाही मचाती है। साल-दर-साल आई बाढ़ में हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन के साथ दर्जनों गाँव इस नदी में विलीन हो चुके हैं।

अधिकारी कर रहे मरम्मत और रखरखाव की पूरी तैयारी का दावा

वर्तमान समय में भी नदी के बांधो से बिल्कुल सट कर बहने से तटबंधों पर इसका दबाव बढ़ गया है और लोग किसी अनहोनी की आशंका से दहशतजदा है। हालांकि बाढ़ खण्ड कुशीनगर के अधिकारी बाढ़ से बचाव की पूरी तैयारी और बंधो के मरम्मत और रखरखाव का दावा तो कर रहे है लेकिन ग्रामीणों के गले के नीचे उनका यह दावा हजम नही हो रहा है। आपको बता दे कि अभी कुछ दिन पहले ही महराजगंज और कुशीनगर जनपद के बॉर्डर पर स्थित छितौनी तटबन्ध का 10 मीटर हिस्सा बाढ़ के पानी से कट गया था और बाढ़ का पानी बड़ी तेजी से निचले इलाकों में प्रवेश कर गया था।

बंधे के कटान की जानकारी प्राप्त होने पर बीते 9 अगस्त को यूपी के जलशक्ति मंत्री स्वतन्त्र देव सिंह ने कटान स्थल का दौरा कर कार्य मे लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए अविलम्ब बंधे की मरमत का निर्देश दिया था। बावजूद इसके जिला प्रशासन और बाढ़ खण्ड के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं।

बंदरबांट में ज्यादा खर्च होता राहत फंड

बाढ़ से बचाव के लिए हर साल करोड़ो रूपये पानी की तरह बहाने वाली सरकार भी चाहती है कि नारायणी से होने वाले नुकसान को रोका जा सके, लेकिन हर बार यह फंड बन्धों की मरमत की बजाय उनकी बंदरबांट में ज्यादा खर्च हो जाती है। जिसका खामियाजा हर साल बाढ़ के शक्ल के रूप में देखने को मिलता है और बाढ़ के कारण बंधे के किनारे बसे कई आबाद गाँवो के ग्रामीणों को हर साल पलायन करना पड़ता है तो वहीं कई ग्रामीणों के घरों को नदी में विलीन होकर जमींदोज होते देखा गया है।

गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही

कुशीनगर जनपद में बाढ़ खंड के दावों के विपरीत बड़ी गंडक नदी अपने रौद्र रूप के साथ नारवाजोत और चैनपट्टी बंधे से बिल्कुल सट कर बह रही है नदी का सारा दबाव बंधो पर बना हुआ है। कुशीनगर तमकुही राज तहसील के एक दर्जन से ज्यादा गांव बड़ी गंडक नदी के बढ़े जलस्तर जो खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। उसके खतरे में आ गये है। हालांकि सिंचाई विभाग बंधे पर रिबेट कार्य करा कर बंधो पर दबाव कम करने की कोशिशों में जुटा हुआ है। लेकिन कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार उर्फ लल्लू बाढ़ खंड पर रिबेट कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर बंधे को खतरे में डालने की बात कर रहे है।

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