इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Wasim Rizvi Gets Hate And Love On Social Media मुस्लिम से हिंदू बने वसीम रिजवी को सोशल मीडिया पर नफरत और प्यार दोनों मिल रहा है। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने सोमवार को डासना देवी मंदिर में सनातन धर्म अपनाया और अपना नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रखा है।
इसके बाद इंटरनेट मीडिया खासतौर पर ट्विटर पर उनका नाम ट्रेंड हो रहा है। देश विदेश से लोग उन पर प्यार और नफरत दोनों बरसा रहे हैं। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी भी ट्विटर पर सक्रिय हैं और अपने निर्णय पर खुशी जाहिर कर रहे हैं। इसके साथ ही जो लोग उनके खिलाफ नफरत से भरे ट्वीट कर रहे हैं, उनसे वह इस संबंध में सवाल भी कर रहे हैं।
सनातन धर्म अपनाने के बाद उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि मेरे और यति नरसिंहानंद गिरि के सिर काटने के फतवे जारी किए जाते हैं , तो इसे शांति का मजहब कैसे कहें। मुझे कोई मुस्लिम कहता है तो मुझे बहुत शर्म आती है। उन्होंने कहा कि मेरे प्राण भी क्यों न जाएं, मगर राष्ट्रविरोधी एवं मजहब के नाम पर हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ जंग जारी रहेगी। वंदे मातरम।
भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की क्षेत्रीय मंत्री डा. उदिता त्यागी ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के सनातन धर्म में शामिल होने पर उनको अपना बड़ा भाई माना है और रक्षा सूत्र भी बांधा है। इसके साथ ही उनको अखिल भारतीय ब्रह्मऋषि महासंघ का सदस्य बनाया है।
मंगलवार दोपहर तक ट्विटर पर हैशटैग वसीम रिजवी, हैशटैग अरेस्ट वसीम रिजवी ट्रेंड करते रहे। हजारों की संख्या में लोग ट्वीट कर रहे हैं, नफरत भरे ट्वीट करने वालों में पाकिस्तान, साऊदी अरब, कश्मीर के समुदाय विशेष के लोग शामिल हैं और प्यार भरे ट्वीट करने वालों में ज्यादातर भारतीय हैं।
उल्लेखनीय है कि शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने सोमवार को गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर में सनातन धर्म अपनाया। पांच पंडितों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कराई और उन्हें नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी दिया है। डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने उन्हें अपना भाई मानते हुए कहा कि अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की जाति त्यागी और गोत्र वत्स है।
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