India news (इंडिया न्यूज़),UP News: खबर अयोध्या से है धर्मनगरी अयोध्या में इन दिनों भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। आगामी जनवरी 2024 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश-विदेश से आने वाले गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। इसी बीच यूपी के संभल में सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण पर सवाल उठा दिए हैं।
सपा सांसद बर्क ने कहा कि मस्जिद को तोड़कर मंदिर बना दिया यह ना इंसाफी है। कानून के खिलाफ है। अब सरकार अयोध्या में मस्जिद के लिए दी गई। जमीन पर मस्जिद के निर्माण के लिए मुसलमानों को भी इजाजत दे। लेकिन मस्जिद के निर्माण कार्य में सरकार का कोई दखल नहीं होना चाहिए। सपा सांसद के इस बयान पर अयोध्या के साधु संत बेहद नाराज हैं और उन्होंने सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
तपस्वी छावनी के महंत जगदगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद न्याय संगत रूप से किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने एक संवैधानिक पद पर रहते हुए जिस तरह का बयान दिया है यह निंदनीय है। माननीय न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाना देश के कानून का देश की न्याय प्रणाली का न्यायालय का अपमान है।बर्क ने कहा कि आने वाली तारीख माफ नहीं करेगी आखिरकार सपा सांसद किसे धमकी दे रहे हैं। अयोध्या का संत समाज इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।सपा सांसद ने सर्वोच्च न्यायालय का अपमान किया है एक संवैधानिक पद पर बैठा हुआ व्यक्ति अगर ऐसा बयान देगा तो इससे समाज में खराब संदेश जाएगा। सपा सांसद के ऊपर एनएसए की कार्रवाई स्वतः संज्ञान लेकर की जानी चाहिए।
अयोध्या के प्रसिद्ध सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि एक तरफ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव मंदिर निर्माण पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए सब परिवार रामलला का दर्शन करने की बात कहते हैं। वहीं उनकी पार्टी का सांसद बयान देता है कि राम मंदिर एक धोखा है और बाबरी मस्जिद मुसलमान से छीन ली गई। अखिलेश यादव बताएं कि क्या वह अपनी पार्टी के संसद के बयान से सहमत हैं या नहीं है, अगर नहीं है तो कार्रवाई करें। वही पुजारी राजू दास ने कहा कि देश की सर्वोच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेकर ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जिसने न्याय प्रणाली और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाया है।
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