Yogi Cabinet Meeting
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh) । उत्तर प्रदेश के तीन और जिलों में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज में कमिश्नरी सिस्टम लागू होगा। इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को योगी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में मुहर लगी है। तीनों कमिश्नरेट में कमिश्नर की तैनाती की जाएगी।
इन जिलों में पहले से कमिश्नरेट सिस्टम लागू
इसी के साथ अब यूपी में कमिश्नरेट वाले 7 शहरों हो गए हैं। 13 जनवरी 2020 को यूपी में सबसे पहले लखनऊ और नोएडा को कमिश्नरी बनाया गया था। लखनऊ में सुजीत पांडेय और नोएडा में आलोक सिंह को पहला कमिश्नर बनाया गया था। इसके बाद 26 मार्च 2021 को दूसरे चरण में कानपुर और वाराणसी में यह सिस्टम लागू किया गया था। कानपुर में विजय सिंह मीणा और वाराणसी में ए सतीश गणेश को पुलिस कमिश्नर बनाया गया था।
क्या होता है कमिश्नरेट?
कमिश्नरेट सिस्टम को नया सिस्टम नहीं है। अंग्रेजी हुकूमत में भी बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास जैसे बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर रखा था। पुलिस कमिश्नरी सिस्टम पुलिस प्रणाली अधिनियम, 1861 पर आधारित है। जब देश को आज़ादी मिली तो ये प्रणाली वक्त और हालात के एतबार से देश के दिगर इलाकों में भी लागू की गई। अब भारत के कई शहरो में ये सिस्टम लागू है।
पुलिस कमिश्नरी सिस्टम में पुलिस को किसी डीएम के आदेश का इंतज़ार नहीं करना पड़ता है, क्योंकि डीएम के बहुत सारे हुकूक पुलिस कमिश्नर को मिल जाते हैं। इस सिस्टम के तहत पुलिस को किसी भी हालात में कानून व्यवस्था के जुड़े सभी फैसले लेने का अधिकार होता है।
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