India News(इंडिया न्यूज़),Cadbury’s Packaging: खाने-पीने के शौकीन सभी लोगों की हर खाने की चीज को लेकर अपनी पसंद होती है। सबका अपना चॉयस होता है। लेकिन आपमें से ज्यादातर लोग इस बात से भलीभांति सहमत होंगे कि जब भी किसी चॉकलेट की बात आती है तो हम सभी पहली प्राथमिकता कैडबरी डेयरी मिल्क चॉकलेट को जरूर देते हैं। जन्मदिन में छोटे बच्चे को उपहार देना, रूठी हुई गर्लफ्रेंड को मनाना हो। हर किसी की चॉइस कहीं न कहीं डेयरी मिल्क चॉकलेट की तरफ ही होती है। आपने भी जरूर किसी न किसी बहाने ही सही लेकिन कभी ना कभी कैडबरी डेयरी मिल्क चॉकलेट का स्वाद जरूर चखा होगा। बच्चे से लेकर बड़े तक इसे खूब पसंद से करते हैं।
कैडबरी चॉकलेट की पैकेजिंग बैंगनी रंग में क्यों?
दरअसल सोशल मीडिया एक ऐसी दुनिया है जहां समय-समय पर कई रोचक तथ्य सामने आते रहते हैं। जिनमें से कुछ अगर अफवाह होते हैं तो कुछ ज्ञान से भी भरे होते हैं। अभी फिलहाल सोशल मीडिया पर यूजर्स जो जानना चाहते हैं वो है कैडबरी चॉकलेट (Cadbury chocolates) की पैकेजिंग के बारे में। इसके ट्रेंड करने का कारण यह है कि कुछ यूजर्स इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कंपनी अपने उत्पादों के लिए बैंगनी रंग का इस्तेमाल क्यों करती है? कोई और रंग को उपयोग क्यों नहीं करती।
जानें क्या है इसका इतिहास
बता दें कि कैडबरी (Cadbury) 1914 से बैंगनी (purple) रंग के रेपर में ही इस्तेमाल किया जा रहा है। जब इसे पहली बार रानी विक्टोरिया (Queen Victoria) को श्रद्धांजलि के रूप में पेश किया गया था। कंपनी को 1854 में शाही बारंट दिया गया था। कैडबरी ब्रांड की शुरुआत 1831 में हुई। जब जॉन कैडबरी नाम के एक व्यक्ति ने व्यावसायिक स्तर पर चॉकलेट का उत्पादन शुरू किया। जिससे यह ब्रिटिश सम्राट के लिए आधिकारिक कोको और चॉकलेट निर्माता बन गया। कैडबरी डेयरी मिल्क पहली बार 1905 में बेचा गया था। 1920 में पूरी डेयरी मिल्क रेंज बैंगनी और गोल्ड बन गई थी।