Tuesday, July 16, 2024
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Chaitra Navratri 2023: कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, जानें क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि

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Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि आने वाली है और देश भर में मां दुर्गा के भक्त इन नौ दिनों के उत्सव को बहुत उत्साह और उत्साह के साथ मनाने की तैयारी की जा रही है। नवरात्रि आमतौर पर वर्ष के विभिन्न महीनों में चार बार शारदीय नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि, माघ गुप्त नवरात्रि और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के रूप में मनाई जाती है। हालाँकि शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है।

चैत्र नवरात्रि आमतौर पर चैत्र के शुक्ल पक्ष के दौरान मनाई जाती है और मार्च या अप्रैल के महीने में आती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है और नौ दिवसीय उत्सव का अंतिम दिन 30 मार्च को रामनवमी के साथ समाप्त होगा।

कब है चैत्र नवरात्रि

इस साल चैत्र नवरात्रि के आरंभ तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है। जबकि कुछ जानकारों का मानना है कि यह 21 मार्च को है, अन्य इसे 22 मार्च को मनाएंगे। यदि आपके पास भी यही भ्रम है, तो हम आपको बताने जा रहे हैं इसकी सही तिथि। इस वर्ष नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि का पर्व 22 मार्च से प्रारंभ होकर 30 मार्च को समाप्त होगा।

द्रिक पंचांग के अनुसार चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात्रि 10:52 बजे से प्रारंभ होकर रात्रि 8:20 बजे समाप्त होगी। 22 मार्च और मीणा लग्न 22 मार्च को सुबह 6:23 से 7:32 बजे तक रहेगा। घाट स्थापना, जिसे कलश स्थापना के नाम से भी जाना जाता है, 22 मार्च को किया जाएगा। मुहूर्त सुबह 6:23 से सुबह 7 बजे तक रहेगा। :32 पूर्वाह्न। घटस्थापना नवरात्रि के दौरान महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है, क्योंकि यह नौ दिनों के उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है।

चैत्र नवरात्रि तिथियां और रंग

  • 22 मार्च – घटस्थापना, रॉयल ब्लू
  • 23 मार्च- मां ब्रह्मचारिणी पूजा, पीला
  • 24 मार्च- मां चंद्रघंटा पूजा, हरा
  • 25 मार्च- लक्ष्मी पंचमी पूजा, ग्रे
  • 26 मार्च – स्कंद षष्ठी, संतरा
  • 27 मार्च – मां कात्यायनी पूजा, श्वेत
  • 28 मार्च- महा सप्तमी, लाल
  • 29 मार्च – दुर्गा अष्टमी या महागौरी पूजा, नीला
  • 30 मार्च- राम नवमी, गुलाबी

चैत्र नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा के नौ अवतारों – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए समर्पित है।

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