Chamoli News: (Joshimath city may face a serious threat in the coming monsoon) जोशीमठ में चल रहे आंदोलन को समर्थन देने आए युथ फॉर हिमालय समूह के सदस्यों ने गोपेश्वर में प्रैस वार्ता कर जोशीमठ व समूचे हिमालय की स्थिति पर अपनी चिंताए और मांगे रखी।
खबर में खास:-
- मुआवजे की प्रक्रिया आम जनता के लिए जटिल
- स्थानीय लोगों की शंकाओं का समाधान करे सरकार
- चे हिमालय की स्थिति पर अपनी चिंताए और मांगे रखी
मुआवजे की प्रक्रिया आम जनता के लिए जटिल
समूह की सदस्यों द्वारा जोशीमठ में सिंहधार, सुनिल, मनोहर बाग, स्वी आदि का दौरा करते हुए पाया कि अधिक्तर प्रभावित गरीब और दलित परिवारोंं से हैं। जिनके घर बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। सरकार द्वारा प्रभावितों को जो रहात दी गयी है वह प्रयाप्त नहीं हैं। जिसके बाद से इस घटनाक्रम में बच्चों, बुजर्गों और महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं इसी के साथ ही प्रशासन द्वारा मुआवजे की जो प्रक्रिया तय की गयी है वह आम जनता के लिए बहुत जटिल है। सरकार को राष्ट्रीय पुनर्वास नीति 2007 के तहत इनके लिए प्रबंध करना चाहिए।
उन्होंने कहा हमारी मांग है कि जोशीमठ के प्रभावितों को साथ लेते हुए एक अधिकार प्राप्त कमेटी का गठन किया जाए जो पुनर्वास, मुआवजा, विस्थापन व मूलभूत जरुरतों की निगरानी रखने का कार्य करे।
स्थानीय लोगों की शंकाओं का समाधान करे सरकार
बता दें, यूथ फॉर हिमालय समूह ने भविष्य में आने वाले मानसून के खतरे को भांपते हुए कहा कि तमाम हिमालयी राज्य मानसून के समय भारी तबाही के साक्षी बनते हैं। उन्होंने कहा जोशीमठ में मानसून आने वाला है, घरों में आई दरारें बरसात के समय में और गंभीर संकट पैदा करने वाली हैं।
वहीं हाल ही में मुख्यमंत्री ने अपने दौरे में ‘सुरक्षित’ जोशीमठ का जो संदेश दिया है इसके बावजूद स्थानीय लोगों में डर और शंकाएं बरकरार है। जोशीमठ अगर असल में सुरक्षित है तो सरकार को उन आठ संस्थाओं की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। जिन्होंने जोशीमठ का भूगर्भीय अध्ययन किया है ताकि स्थानीय लोगों की शंकाओं का समाधान हो सके।