India News (इंडिया न्यूज़), UP Crime: यूपी आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बांग्लादेश से घुसपैठ कर उत्तर प्रदेश में रहने वाले तीन नागरिकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों से कई अहम जानकारी मिली है। उनसे पूछताछ के दौरान एक बड़े मानव तस्करी सिंडिकेट का खुलासा हुआ।
पुलिस विभाग में पूछताछ के दौरान बांग्लादेशी नागरिक आदिल मोहम्मद अशरफी ने बताया कि बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के कई गिरोह मिलकर विदेशी नागरिकों को यहां बसा रहे हैं। अशरफी से मिली जानकारी के मुताबिक, एटीएस जल्द ही एक बड़े मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश कर सकता है। एटीएस ने गुरुवार को अशर्फी को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया।
अशरफी से पूछताछ के बाद सहारनपुर में रह रहे बंगाल के शेख नजीबुल हक व अबु हुरायरा गाजी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों काफी समय से सहारनपुर में रहे थे। इस ग्रुप में बंगाल के एक दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं। इनके संपर्क बांग्लादेश में मानव तस्करी का काम करने वालों के साथ हैं।
सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेश से भारत में पैसे ट्रांसफर करने में 3 लाख से 5 लाख रुपये तक का खर्च आता है। पैसा मिलने के बाद ये लोग बंगाल में सक्रिय गिरोह के सदस्यों के पास जाते हैं। उन्हें एक-दो महीने तक वहां रखा जाता है। इस दौरान आपके फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए जाएंगे। एक बार दस्तावेज़ तैयार हो जाने के बाद, उन्हें उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर पोस्ट कर दिया गया।
गौरतलब है कि यूपी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी का मामला नया नहीं है। दरअसल, कई रोहिंग्या को अक्सर पकड़ लिया जाता था। एटीएस ने इस साल फरवरी से विभिन्न शहरों में की गई कार्रवाई और छापेमारी में उत्तर प्रदेश से कई रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है।
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