India News(इंडिया न्यूज़),UP News: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में जमीन घोटाले से जुड़े आरोपी एक अधिवक्ता की छह दिन पहले पुलिस हिरासत में मौत हो गई। अब इस मामले में एक चौकी इंचार्ज समेत छह अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। एसपी ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में घटना के दिन ही आरोपी उप निरीक्षक और दो सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। गौरतलब है कि घटना से गुस्साए परिजन पिछले चार दिनों से दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन चलाए हुए हैं।
राजकुमार लाल श्रीवास्तव जिनकी आयु 60 वर्ष थी। उन्हें साल 2018 के एक जमीन घोटाले में सदर के तत्कालीन तहसीलदार सुरेंद्र नारायण त्रिपाठी द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी से जुड़े मुकदमे में गिरफ्तार किया गया था और पूछताछ के लिए गोंडा लेकर आई थी। पुलिस हिरासत के दौरान ही शौचाय गए श्रीवास्तव ने कथित तौर पर वहां रखे ‘टॉयलेट क्लीनर’(शौचालय साफ करने वाला रासायनिक पदार्थ) खा लिया था।जिसके बाद इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई थी।
मृतक राजकुमार के भाई पवन श्रीवास्तव ने अपनी दर्ज कराई हुई एफआईआर में सिविल लाइंस चौकी प्रभारी और पांच अज्ञात पुलिस कर्मियों को आरोपी बनाते हुए उन पर गैर-इरादतन हत्या और धमकी देने का आरोप लगाया। पवन ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि उनके भाई की हालत गंभीर होने के बाद भी पुलिस उन्हें जबरन डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान, लखनऊ से डिस्चार्ज कराकर गोंडा ले आई थी।