India News (इंडिया न्यूज),Varanasi News: खबर बनारस से है। जहां शादी के बाद दुल्हन ने अपने पति को धोखा दिया है और इसी को लेकर तीन सिपाही और मां-बेटी को रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। राजस्थान के नागौर निवासी युवक की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है। राजस्थान के नागौर जिले के महावीर नगर मेड़ता सिटी निवासी वैंकटेश्वर तिवाड़ी ने पुलिस को बताया कि वह अविवाहित है। मेड़ता के एक परिवार में शादी कराने वाले विजय जैन से उसका संपर्क हुआ। विजय जैन ने उसे युवतियों की फोटो भेजी और यूपी में शादी की रस्म का खर्च डेढ़ लाख रुपये बताया। बीते 21 मई को वैंकटेश्वर अपने दो दोस्तों के साथ वाराणसी आया। वाराणसी में विजय जैन ने वैंकटेश्वर की मुलाकात संजय श्रीवास्तव से कराई। 22-23 मई को विजय जैन ने डेढ़ लाख रुपये लिए और बैंकटेश्वर को शिवपुर क्षेत्र की संगीता मिश्रा से मिलाया। संगीता से बात तय हो गई तो उसे 5001 रुपये दिए गए। 23 मई को कोर्ट में शादी हुई और शादी के बाद संगीता को लेकर वैंकटेश्वर राजस्थान के लिए निकला तो संगीता ने किसी को फोन किया।
वैंकटेश्वर ने बताया कि चौकाघाट पुल के समीप खुद को सारनाथ थाने का पुलिस अधिकारी बताते हुए प्रशांत सिंह ने उसकी कार रुकवाई। प्रशांत ने कहा कि युवती से तुम जबरदस्ती शादी करके ले जा रहे हो। इस पर संगीता प्रशांत की हां में हां मिलाने लगी। उसी दौरान प्रशांत ने अपने एक साथी दीपक सिंह को बुलाकर कहा कि कार को सारनाथ थाने ले चलो। सारनाथ थाने के समीप एक गली में उसे रोका गया और उसी दौरान सादे कपड़े में शराब पीते हुए हेड कांस्टेबल विनय कुमार मिला। जिसे प्रशांत और दीपक ने अपना अफसर बताया।
विनय कुमार ने युवती के अपहरण, दुष्कर्म, देह व्यापार और मादक पदार्थों की तस्करी के फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर वैंकटेश्वर से दो लाख रुपये मांगे। उसी बीच संगीता मिश्रा मौके से फरार हो गई। किसी तरह 1.75 लाख रुपये पर बात तय हुई। वैंकटेश्वर ने रुपये देने के लिए समय मांगा और इसके बाद वैंकटेश्वर सीधे सारनाथ थाने गया और थानाध्यक्ष को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) संतोष कुमार सिंह ने बताया कि जांच में प्रकरण सही मिलने पर इंस्पेक्टर सारनाथ, धर्मपाल सिंह ने अपनी टीम के साथ तीन पुलिसकर्मियों समेत पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि किसी से भी पैसा ऐंठना होता था तो हेड कांस्टेबल विनय कुमार खुद को डिप्टी एसपी बताता था और सादे कपड़े में रहता था। प्रशांत सिंह खुद को दरोगा बताता था और दीपक अपने आप को हेड कांस्टेबल ही बताता था। इसके बाद तीनों चंगुल में फंसे व्यक्ति को अपने कब्जे में लेकर अवैध वसूली करते थे। तीनों यह काम सारनाथ थाने के आसपास ही करते थे। ताकि पैसा देने वाले को उन पर शक न हो। गिरफ्तार किए गए हेड कांस्टेबल प्रशांत सिंह, दीपक सिंह और विनय कुमार को डीसीपी वरुणा जोन अमित कुमार ने निलंबित कर दिया है। डीसीपी वरुणा जोन ने बताया कि तीनों हेड कांस्टेबल का अपराध गंभीर किस्म का है। गिरफ्तार तीनों हेड कांस्टेबल को जल्द ही पुलिस सेवा से बर्खास्त किया जाएगा।